नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, सिलिगुड़ी ने 10 कपल्स में से कम से कम 5 को मेल इनफर्टिलिटी (पुरुष बांझपन) से जूझते देखा है। डॉक्ट र मुख्यम रूप से मेल इनफर्टिलिटी और पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिन्ड्रो म) से हो रही बांझपन की समस्यालओं वाले कपल्स देख रहे हैं। टेक्नोरलॉजी और विज्ञान की प्रगति के साथ, कुछ वर्ष पहले की तुलना में आज फर्टिलिटी के इलाज बेहतर चिकित्सकीय परिणाम दे रहे हैं।
नैशनल फैमिली हेल्थक सर्वे-5 के आँकड़ों के अनुसार, देश में सबसे कम टोटल फर्टिलिटी रेट (टीएफआर) सिक्किम का है। नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी के डॉक्ट5रों का कहना है कि गंगटोक में बांझपन का प्रचलन बढ़ रहा है। इस बढ़ोतरी के कई कारण है, जैसे कि विवाह में विलंब, पुरुष एवं महिला बांझपन और सही समय पर चिकित्स कीय सहायता लेने की जागरूकता की कमी। सिक्किम में कपल्सब के बीच शादी की औसत उम्र 35 से 40 साल है और सिलिगुड़ी नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी सेंटर में आ रहे 10% से ज्याददा मरीज सिक्किम से हैं। आज 10 में से 5 कपल्सल को पुरुष या महिला बांझपन की शिकायत है। ज्यामदातर मरीज सिलिगुड़ी के समीपवर्ती क्षेत्र दार्जीलिंग कर्सियांग, सिक्किम और बागडोगरा से हैं।
पुरुष बांझपन पर जानकारी देते हुए, नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी ईस्टम, सिलिगुड़ी में फर्टिलिटी कंसल्टेान्टा डॉ. शताब्दी् डे ने कहा, “अक्सीर समझा जाता है कि बांझपन महिलाओं की बीमारी है, लेकिन पुरुष भी समान रूप से इस समस्याु का सामना करते हैं। पुरुष बांझपन भी बढ़ रहा है और 10 में से 5 कपल्सन को यह परेशानी है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि अत्य धिक तंबाकू, गुटखा और अल्कोलहल का सेवन करना, जिससे कि शुक्राणुओं की संख्यात कम हो सकती है और पुरुषों का यौन स्वाशस्य् प्रभावित हो सकता है।”