टर्म इंश्योरेंस किसी भी व्यक्ति की वित्तीय योजना का एक अहम हिस्सा होता है। यह परिवार के लिए आय के विकल्प के रूप में काम करता है, ताकि यदि कमाने वाला सदस्य अब न रहे तो भी परिवार अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा किया जा सके। हाल ही में भारत सरकार ने एक बड़ा सुधार लागू किया है, जिसके तहत सभी बीमा पॉलिसियों को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है। पहले ग्राहकों को प्रीमियम राशि पर 18% जीएसटी देना पड़ता था। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति का प्रीमियम ₹100 था, तो उस पर ₹18 अतिरिक्त जीएसटी देना होता था। अब इस छूट के बाद व्यक्ति को केवल ₹100 ही चुकाने होंगे। इससे जीवन बीमा और टर्म इंश्योरेंस दोनों योजनाएँ सस्ती हो गई हैं।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस ने अपने ग्राहकों को इस जीएसटी छूट का पूरा लाभ दिया है, जो कंपनी की “ग्राहकों को सर्वोत्तम मूल्य देने” की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे बीमा योजनाएँ अब और भी किफायती और हर भारतीय परिवार के लिए सुलभ हो गई हैं। अब देखते हैं कि इसका टर्म इंश्योरेंस की कीमतों पर क्या असर हुआ है। पहले 30 वर्ष के एक पुरुष (गैर-धूम्रपान करने वाले) को ₹1 करोड़ के जीवन कवर और 30 वर्ष की अवधि के लिए ₹825 मासिक प्रीमियम (जीएसटी सहित) देना पड़ता था। अब उसी व्यक्ति को केवल ₹699 मासिक प्रीमियम देना होगा। इसी तरह, 30 वर्ष की महिला (गैर-धूम्रपान करने वाली) के लिए पहले यह राशि ₹697 (जीएसटी सहित) थी, जो अब घटकर केवल ₹594 रह गई है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर, श्री विकास गुप्ता ने कहा, “हमारा मानना है कि सच्चा मूल्य वही है जो ग्राहक के हित में हो। हम अपने ग्राहकों को जो भी बचत लौटाते हैं, वह न केवल भरोसा बढ़ाती है बल्कि बीमा को और किफायती बनाती है। इससे हम उस लक्ष्य के और करीब पहुँचते हैं जहाँ गुणवत्तापूर्ण बीमा हर व्यक्ति की पहुँच में हो। यह हमारे उस प्रयास को भी आगे बढ़ाता है जिसके तहत हम देश में सुरक्षा कवरेज का दायरा बढ़ाना चाहते हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग अपने भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में कदम बढ़ाएँ।” दरअसल, टर्म इंश्योरेंस एक वित्तीय सुरक्षा कवच है, जो यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति के न रहने पर भी उसके अपने सुरक्षित रहें। इसलिए यह ज़रूरी है कि ऐसे सुरक्षा उत्पाद सभी के लिए किफायती हों। कम प्रीमियम से बीमा कवरेज का दायरा और गहराई बढ़ेगी, जिससे लाखों भारतीयों के जीवन में वित्तीय सुरक्षा लाने के राष्ट्रीय लक्ष्य को मज़बूती मिलेगी।
