प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र की 4,027 करोड़ रुपये की विभिन्न पहलों का शुभारंभ कर राष्ट्र को समर्पित किया। ये पहल स्वच्छ और टिकाऊ ईंधन उपलब्ध कराने और सरकार के मेक इन इंडिया के दृष्टिकोण के अनुरूप सामग्री के उत्पादन पर केंद्रित होंगी।
घरों तक पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) पहुंचाने तथा वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए स्वच्छ ऊर्जा विकल्प उपलब्ध कराने के भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप बीपीसीएल 3,638 करोड़ रुपये के पर्याप्त निवेश के साथ बिहार के पांच प्रमुख जिलों दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सीतामढ़ी और शिवहर में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नेटवर्क विकसित कर रहा है। यह परियोजना प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ावा देकर शुद्ध शून्य उत्सर्जन की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्राकृतिक गैस एक पर्यावरण के अनुकूल ईंथन है, जो वायु प्रदूषण को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह घरों, व्यवसायों और उद्योगों को भी समान रूप से सहायता प्रदान करेगा। इसके अलावा, इस परियोजना में नए सीएनजी स्टेशनों को चालू करना और एक मजबूत कार्बन स्टील पाइपलाइन नेटवर्क का निर्माण शामिल है जो बेगूसराय से दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी और शिवहर तक प्राकृतिक गैस पहुंचाएगा।
मेक इन इंडिया पहल भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने में आधारशिला रही है। औद्योगिक क्षमताओं को बहाने, नवाचार को बढ़ावा देने और विश्व स्तरीय बुनियादी वांचे के निर्माण पर विशेष ध्यान देने के साथ, इस पहल का उद्देश्य भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना है। इंडियन ऑयल की बरौनी रिफाइनरी में 389 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली विटुमेन विनिर्माण इकाई से घरेलू स्तर पर बिटुमेन का उत्पादन करने में मदद मिलेगी, इससे आयातित बिदुमेन पर देश की निर्भरता भी कम होगी, जिससे भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता में योगदान मिलेगा और साथ ही विदेशी मुद्रा आय में 1.1 मिलियन डॉलर की बचत होगी। ये परियोजनाएं इन जिलों में औद्योगिक विकास को गति देंगी, आर्थिक विकास के लिए उत्प्रेरक का काम करेंगी तथा बिहार में समृद्धि के नए द्वार खोलेंगी।