कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने नई दिल्ली स्थित प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान द्वारा विकसित “भविष्य के लिए कौशल: भारत के कार्यबल परिदृश्य को बदलना” शीर्षक से एक रिपोर्ट का अनावरण किया है। प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान (आईएफसी) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट एक स्वतंत्र प्रयास है। सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर, रिपोर्ट भारत में कौशल परिदृश्य की विस्तृत जांच प्रस्तुत करती है, जिसमें शैक्षिक प्राप्ति, व्यावसायिक वितरण और कार्यबल की तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (टीवीईटी) तक पहुंच पर ध्यान केंद्रित किया गया है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने इस पहल की सराहना की और कहा कि इस तरह के अकादमिक अभ्यास सरकारी पहलों को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “हमें शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और उद्योग के बीच के मार्गों को गहरा करना चाहिए, जिसमें अनौपचारिक और अनुभवात्मक शिक्षा को मान्यता देना भी शामिल है।” आईएफसी टीम को बधाई देते हुए एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि कौशल विकास अकादमिक जांच का एक क्षेत्र है।
इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस के अध्यक्ष श्री अमित कपूर ने रिपोर्ट के अनावरण के लिए मंत्रालय को धन्यवाद दिया और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के साथ मिलकर कौशल एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। रिपोर्ट उपयोगी अंतर्दृष्टि प्राप्त करने और आगे का रास्ता सुझाने के लिए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के इकाई-स्तरीय विश्लेषण का उपयोग करती है।
