कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री, श्री जयन्त चौधरी ने अपनी हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा की शुरुआत कई उच्चस्तरीय बैठक के साथ की, जिसका उद्देश्य कौशल और उद्यमिता के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत बनाना है।यात्रा की शुरुआत मेलबर्न से हुई, जहाँ मंत्री श्री जयन्त चौधरी ने ऑस्ट्रेलिया-इंडिया बिज़नेस काउंसिल के कार्यक्रम को संबोधित किया। “स्किलिंग फॉर द फ्यूचर” विषय पर अपने विचार रखते हुए श्री चौधरी ने प्रशिक्षण मॉडल्स को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने की आवश्यकता पर बल दिया और इस बात को रेखांकित किया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया मिलकर उत्तरदायी और भविष्य के लिए तैयार स्किलिंग फ्रेमवर्क का निर्माण कर सकते हैं। अपने दौरे के दौरान श्री चौधरी ने ऑस्ट्रेलिया सरकार के मिनिस्टर फॉर स्किलिंग एंड ट्रेनिंग माननीय एंड्रू गाइल्स से द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक में कौशल, व्यावसायिक शिक्षा और कार्यबल विकास के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा हुई, विशेषकर युवाओं को उभरते क्षेत्रों और वैश्विक अवसरों के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
माननीय मंत्री ने होल्म्सग्लेन का विक्टोरियन टनलिंग सेंटर भी देखा, जो एक अत्याधुनिक ट्रेनिंग फैसिलिटी है। यहाँ उन्होंने उद्योग-आधारित एडवांस्ड स्किलिंग मॉडलों और भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर एवं कंस्ट्रक्शन सेक्टरों में उनकी प्रासंगिकता को समझा। इसके बाद, श्री चौधरी ने नॉर्थ मेट्रोपॉलिटन टाफे (टेक्निकल एंड फ़र्दर एजुकेशन), वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया। इस दौरान उनकी मुलाक़ात सुश्री जोडी वॉलेस, डायरेक्टर जनरल, डिपार्टमेंट ऑफ़ ट्रेनिंग एंड वर्कफ़ोर्स डेवलपमेंट; जॉब्स एंड स्किल्स डब्ल्यूए, और सुश्री मिशेल होड, मैनेजिंग डायरेक्टर, नॉर्थ मेट्रोपॉलिटन टाफे से हुई। इस भेंट में कैंपस का दौरा भी शामिल था, जिसमें मैकेनिकल, फैब्रिकेशन और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग वर्कशॉप्स को दिखाया गया। रेल सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिकल सिस्टम्स और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में डेमोंस्ट्रेशन आयोजित किए गए, जिन्होंने वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के अप्लाइड लर्निंग मॉडल्स और इन्डस्ट्री-लिंक्ड ट्रेनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्रदर्शित किया। अपने कार्यक्रम के तहत, श्री चौधरी ने वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की मिनिस्टर फॉर स्किल्स एंड टाफे तथा जॉब्स एंड स्किल्स डब्ल्यूए माननीय एम्बर-जेड सैंडरसन के साथ चर्चा की। साथ ही, उन्होंने भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यावसायिक प्रशिक्षण, उच्च शिक्षा और भविष्य के लिए तैयार कौशल विकास के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए एमए टाफे (माइनिंग कैंपस) और पर्थ स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया का दौरा भी किया।
ब्रिस्बेन में, श्री चौधरी ने क्वींसलैंड की मिनिस्टर फॉर फ़ाइनेंस, ट्रेड, एम्प्लॉयमेंट एंड ट्रेनिंग माननीय रोज़ बेट्स (एमपी) से भेंट की। इस चर्चा में व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण में गहन सहयोग, अप्रेंटिसशिप मार्गों का विस्तार, और स्वच्छ ऊर्जा, एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग तथा डिजिटल सेवाओं जैसे क्षेत्रों में आने वाले अवसरों के लिए तैयार कार्यबल निर्माण पर विचार-विमर्श हुआ। यह संवाद इस बात का प्रतीक है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया मिलकर विश्व स्तर पर समावेशी विकास को आगे बढ़ाने और अपने युवाओं को विश्वस्तरीय कौशल से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि “भारत और ऑस्ट्रेलिया युवाओं को भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने की साझा प्रतिबद्धता रखते हैं। यह साझेदारी न केवल युवाओं के लिए अधिक गतिशीलता और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि हमारे स्किलिंग ईकोसिस्टम विश्वभर में हो रहे औद्योगिक परिवर्तनों के अनुरूप बने रहें।” यह दौरा भारत सरकार की इस प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करता है कि विकसित भारत @2047 की परिकल्पना के अनुरूप भारत को कुशल प्रतिभा का ग्लोबल हब बनाया जाए और कौशल एवं उद्यमिता के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को और अधिक मज़बूत किया जाए।
