पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्य भर के दुर्गा पूजा आयोजकों को 50 हजार रुपये के अनुदान की राह में अब कोई बाधा नहीं रह गई है। शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने आयोजकों को उक्त राजकीय अनुदान देने की सहमति दे दी है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि पूजा आयोजक अनुदान की राशि को किस तरह से खर्च करेंगे इस संबंध में राज्य सरकार दिशा निर्देश जारी करेगी। अगर दिशानिर्देश जारी होने में देरी होती है तो पिछले साल के निर्देशों के मुताबिक आयोजक खर्च कर सकेंगे। मूल रूप से राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान का इस्तेमाल सुरक्षित यातायात के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी योजना “सेफ ड्राइव, सेव लाइफ” के प्रचार प्रसार और महामारी रोकथाम जागरूकता के लिए होता रहा है।
पूजो से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने क्लबों को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की। राज्य में कुल 40 हजार 382 पूजा के अनुदान के लिए 201.91 करोड़ रुपये की अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। इसके खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई थी। शुक्रवार को मामले की सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पूछा कि क्लबों को अनुदान क्यों दिया जा रहा है। उस सवाल के जवाब में महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखर्जी ने कहा कि क्लब हर समय लोगों के साथ खड़े होते हैं। उन्होंने कोरोना की स्थिति में भी आम आदमी के लिए बहुत कुछ किया है। यह निर्णय क्लबों को उनके जन कल्याणकारी कार्यों में मदद करने के लिए लिया गया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने अनुदान मामले में हरी झंडी दे दी।