मालबाजार महकमा में हाथियों का उत्पात कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हाथियों के झुंड कभी घरों, स्कूलों को तबाह कर रहे हैं, तो कभी भोजन की तलाश में धान के खेतों और सब्जियों के बगीचों को नुकसान पहुँचा रहे हैं। मालबाजार ब्लॉक के उदलाबाड़ी शांति कोलनी के डांगा पाड़ा इलाके में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली। शनिवार सुबह हाथियों के झुंड ने धान के खेतों, सुपारी के बगीचों और सब्जियों के खेतों को नुकसान पहुँचाया। इससे किसान काफी चिंतित हैं। स्थानीय किसानों ने बताया कि रात करीब ढाई-तीन बजे लगभग 20-25 हाथियों का झुंड गाँव के धान के खेतों, सब्जियों के खेतों और सुपारी के बगीचों में घुस आया और उत्पात मचाना शुरू कर दिया।
कुल मिलाकर, उन्होंने लगभग 80-90 सुपारी के पेड़ तोड़ दिए और नष्ट कर दिए। कई केले के पेड़ और सब्जियों के खेतों को नष्ट कर दिया । उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने रात में पटाखे फोड़कर हाथियों के झुंड को वापस जंगल में खदेड़ दिया। हाथियों को भगाने की कोशिश में स्थानीय किसान लेबुआ मोहम्मद घायल हो गए। उन्होंने बताया कि एक बार भी वनकर्मी क्षतिग्रस्त इलाकों को देखने नहीं आए। स्थानीय निवासियों ने बताया कि पास में ही एक बाड़बंद जंगल है। हाथियों का समूह उसी जंगल से इस इलाके में आया था। धान के खेत में सिर्फ़ धान की रोपाई हुई है। हाथियों के समूह के पैरों से धान के खेत नष्ट हो गए हैं।
कृषि भूमि की सिंचाई व्यवस्था नष्ट हो गई है। बहुत सारे पेड़ खाकर टूट गए हैं। उसके बाद वन विभाग की ओर से कोई सकारात्मक भूमिका नहीं दिखी है। कोई मुआवज़ा नहीं मिला है। उनके अनुसार, वन विभाग ने कहा है कि हुए नुकसान का विस्तृत ब्यौरा लिखकर वन विभाग कार्यालय में जमा करें। उस दस्तावेज़ की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी जाएगी। हालांकि, ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग इस इलाके में गश्त की व्यवस्था करे और जल्द से जल्द मुआवजे की व्यवस्था भी करे।
