नदिया जिले के कृष्णनगर के चासापाड़ा बारोयारी में आयोजित जगद्धात्री देवी ‘बुड़ी माँ’ की पूजा को लेकर लाखों भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। कई किलो सोने के गहनों से सजी देवी की प्रतिमा श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी हुई है। भक्तों द्वारा अर्पित दान और आभूषणों से बुड़ी माँ का श्रृंगार किया गया है। लोग परिवार की मंगलकामना और विभिन्न मनोकामनाओं के लिए देवी की शरण में पहुँच रहे हैं।
कृष्णनगर के चासापाड़ा बारोयारी की यह प्रसिद्ध जगद्धात्री पूजा करीब 253 वर्षों से चली आ रही परंपरा है। यह माना जाता है कि नदिया के राजा कृष्णचंद्र राय ने सबसे पहले जगद्धात्री पूजा की शुरुआत की थी, जिसके बाद यह परंपरा पूरे राज्य और देशभर में फैल गई। जहाँ चंदननगर की जगद्धात्री पूजा रोशनी और भव्य सजावट के लिए जानी जाती है, वहीं नदिया की पूजा में पारंपरिक और सांस्कृतिक आभा अब भी बरकरार है। इसीलिए ‘बुड़ी माँ’ की पूजा पूरे बंगाल में विशेष स्थान रखती है।
गुरुवार सुबह से ही मंदिर प्रांगण में देवी के दर्शन के लिए लंबी कतारें लग गईं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए समिति की ओर से कई विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं, और भक्तों की सुविधा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। कल बुड़ी माँ की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसके मद्देनज़र प्रशासनिक तैयारियाँ जोरों पर हैं। कृष्णनगर शहर और आसपास के प्रमुख मार्गों पर ‘नो एंट्री’ लागू कर दी गई है, और हर पूजा पंडाल में पुलिस की कड़ी निगरानी रखी जा रही है। कहा जा सकता है कि जगद्धात्री पूजा उत्सव को लेकर नदिया के शांतिपुर और कृष्णनगर सहित पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल छाया हुआ है।
