कान की धाम के भव्य प्रांगण में शहर सिलीगुड़ी की खालपाड़ा निवासी जानी-मानी कवियत्री भारती सुजीत बिहानी ने स्वरचित प्रथम काव्य संग्रह “मेरी क़लम से…” को अपने माता-पिता की 50 वीं वैवाहिक वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर उन्हें समर्पित करते हुए देश-विदेश से आये स्वजनों, रिश्तेदारों एवं मेहमानों की उपस्थिति में अपने जन्मदाता के पावन हाथों से पुस्तक का लोकार्पण करवाया, एवं सभी पारिवारिक रिश्तेदारों को उपहार स्वरूप प्रदान की। इस अनोखी पहल का सभी रिश्तेदारों एवं उपस्थित लोगों ने भूरी भूरी प्रशंसा की।
कवियत्री भारती की नानी मां ने आशीर्वाद के रूप में मन के भाव प्रकट करते हुए कहा मेरी दूहिता भारती कैसे उतारूं तेरी आरती? शंकर, सरोज की लाडली मेरी प्रेरणादायति, कैसे उतारूं तेरी आरती?
पिता श्री शंकर लाल जी बजाज में कहा मुझे अपनी बिटिया पर गर्व है साहित्य के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छुए यही आशीर्वाद देता हूं। माता सरोज बजाज ने नए-नए कीर्तिमान स्थापित करने का आशीर्वाद दिया।
पटना के समाजसेवी आदित्य जी मूंदड़ा ने बधाई देते हुए कहा यह सिर्फ काव्य संग्रह नहीं बल्कि लेखिका की नेक भावना का आईना, उनके एहसास व अनुभवों का खजाना है संग्रह में सरस्वती वंदना से लेकर मां का दिल, कहीं एक बेटी एक पत्नी की भावना, कहीं देशभक्ति, कान्हा को आग्रह, प्यार की व्याख्या, श्रृंगार रस से लबालब, शब्दों का मोल, वक्त का महत्व, चिंतन- मनन ,विविध प्रकार की समस्याओं के समाधान की गुजारिश इत्यादि विषयों का समावेश कविताओं में झलकता है।
पुस्तक में मुख्य भूमिका में हास्य व्यंग्य कवि एवं अधिवक्ता करण सिंह जी जैन ने लिखा है भारती की कविता में विविधता है वह कविताओं के माध्यम से सब कुछ समेट लेना चाहती हैं। गंगा की तरह अविरल बहती है और अपने मीठे पानी से सब की प्यास बुझा ना चाहती हैं।
जनपथ समाचार के संपादक विवेक जी वैद ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए लिखा है जीवन के विभिन्न आयामों की संवेदना को प्रकट करता है। भारती का काव्य संग्रह वास्तव में अनमोल है जो पाठक या श्रोता के हृदय को तादात्म्य स्थापित करता है ।
इसके अलावा कवियत्री के जीवन-साथी सुजीत जी बिहानी, सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य कमल अग्रवाल, राजस्थान के भीलवाड़ा निवासी समाजसेवी सोहन लाल जी सोमानी, बहन आरती राठी, भाभी नीतू बजाज, जेठानी दीपिका बिहानी एवं कई रिश्तेदारों ने बधाई संदेश देते हुए शुभकामनाएं व्यक्त की।
मेरी कलम से… काव्य- संग्रह सिलीगुड़ी के प्रभा प्रोसेस प्रिंटिंग प्रेस में प्रिंट की गई। काव्य संग्रह शीघ्र ही साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों के बीच आएगी।