पूरे देश के साथ साथ सिलीगुड़ी में भी बुधवार को गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर सिलीगुड़ी के इस्कॉन मंदिर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बड़े उत्साह व उमंग के साथ गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया।
पिछले साल कोरोना के कारण गोवर्धन पूजा में भक्तों क उपस्थिति कम थी हालांकि, इस वर्ष सिलीगुड़ी इस्कॉन मंदिर में गोवर्धन पूजा के अवसर पर विभिन्न समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें काफी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया। गोबर्धन पूजा पर सिलीगुड़ी इस्कॉन मंदिर में सिलीगुड़ी शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों से भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। आज गोवर्धन पूजा के अवसर पर पूजा के साथ साथ कीर्तन, परिक्रमा व प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया।
उल्लेखनीय है कि इस्कॉन मंदिर में 108 भोग के पदों से गोवर्धन पहाड़ की प्रतिकृति बनाकर पूजा का आयोजन किया जाता है। सभी को मालूम है कि भगवान इंद्र के प्रकोप से वृंदावन के लोग परेशान थे। बाद में वृंदावन के लोगों ने जब श्रीकृष्ण से इस खतरे से बचाने की अपील की, तो भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगलियों पर उठा लिया और वृंदावन के लोगों को इंद्र के क्रोध से बचाया। इसी संदर्भ में हर वर्ष कार्तिक मास की शुक्ल तिथि को गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाता रहा है।