ग्लेनमार्क फार्मा भारत में सह-रोगिताओं वाले वयस्कों में टाइप 2 डायबिटीज़ के लिए टेनेलिग्लिप्टिन + डैपाग्लिफ्लोज़िन + मेटफॉर्मिन की ट्रिपल-ड्रग एफडीसी लॉन्च करने वाली पहली कंपनी बनी

प्रमुख शोध-आधारित, ग्लोबल फार्मास्युटिकल कंपनी, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (ग्लेनमार्क फार्मा) ने भारत में डैपाग्लिफ्लोज़िन और मेटफॉर्मिन के साथ व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले टेनेलिग्लिप्टिन के पहले ट्रिपल-ड्रग फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन (एफडीसी) को लॉन्च किया है। ज़ीटा® डीएम ब्रैंड के नाम से लॉन्च किए गए इस एफडीसी में एक निश्चित खुराक में डीपीपी4 इन्हीबिटर, टेनेलिग्लिप्टिन (20mg), एसजीएलटी2 इन्हीबिटर, डैपाग्लिफ्लोज़िन (10mg) और मेटफॉर्मिन एसआर (500mg/1000mg) शामिल हैं। टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीजों में ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार के लिए इसे प्रतिदिन एक बार लिए जाने की सलाह दी जाती है।

इस लॉन्च के अवसर पर टिप्पणी करते हुए, आलोक मलिक, प्रेसिडेंट और बिज़नेस हेड- इंडिया फॉर्म्युलेशन्स, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, ने कहा, “भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मधुमेह आबादी है और यहाँ टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीजों को अक्सर अनियंत्रित हीमोग्लोबिन ए1सी (एचबीए1सी), बीटा सेल डिसफंक्शन की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो वजन बढ़ने जैसी अन्य सह-रोगिताओं सहित इंसुलिन स्राव को हानि पहुँचाता है। यही वजह है कि डायबिटीज़ का प्रबंधन मरीजों के लिए कठिन और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक चुनौती बन जाता है। डायबिटीज़ के इलाज में प्रमुख होने के नाते, हमें नवीनतम और किफायती डायबिटीज़-रोधी दवा- ज़ीटा® डीएम की पेशकश करने पर गर्व है। यह न सिर्फ उच्च एचबीए1सी और अन्य सह-रोगिताओं वाले वयस्क मरीजों के ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार करने में मदद करता है, बल्कि रीनल और हृदय संबंधी प्रतिकूल घटनाओं में भी कमी लाता है। इस सुदृढ़ प्रोफाइल के साथ, हम आश्वस्त हैं कि ज़ीटा® डीएम, मरीज को डायबिटीज़ के लम्बे समय तक चलने वाले उपचार का पालन करने में सुविधा प्रदान करेगा।”

ग्लेनमार्क की ज़ीटा® दवाओं के पोर्टफोलियो से भारत में सालाना लगभग 17.5 लाख टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीजों को लाभ मिल रहा है। ज़ीटा® डीएम के लॉन्च के साथ, सबसे व्यापक ग्लिप्टिन रेंज- ज़ीटा® अब टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीजों के उपचार के प्रत्येक चरण में मदद करेगी। 12 महीने की अवधि के लिए IQVIA™ बिक्री डेटा, (MAT अगस्त 2023), जो अगस्त 2023 को समाप्त हुई, के अनुसार, भारत में मौखिक डायबिटीज़ विरोधी दवाओं का बाजार विगत वर्ष की इसी अवधि (MAT अगस्त 2022) की तुलना में 6.5% की वार्षिक वृद्धि के साथ 12,522 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। 17 अक्टूबर 2008 और 17 दिसंबर 2020 के बीच किए गए आईसीएमआर-इंडियाब अध्ययन के अनुसार, डायबिटीज़ के कुल प्रसार का आँकड़ा 11.4% था।

By Business Bureau

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *