ग्लेनमार्क ने भारत में पहली एफडीसी दवा लॉन्च की

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एक इनोवेशन-ड्रिवन ग्लोबल फार्मास्युटिकल कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने पियोग्लिटाज़ोन के साथ व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले डीपीपी ४ इन्हीबिटर (डिपेप्टिडाइल पेप्टिडेज़ ४ अवरोधक), टेनेलिग्लिप्टिन का एक नोवल फिक्स्ड डोस कॉम्बिनेशन (एफडीसी) लॉन्च किया है।

अनियंत्रित टाइप २ डायबिटीज वाले वयस्कों के लिए यह भारत में एकमात्र उपलब्ध ब्रांड है। ग्लेनमार्क ने इस एफडीसी को ज़ीटाप्लसपीओ ब्रांड नाम के तहत लॉन्च किया है जिसमें टेनेलिग्लिप्टिन (२० मिलीग्राम) + पियोग्लिटाज़ोन (१५ मिलीग्राम) दिन में एक बार लिया जाता है। ग्लेनमार्क भारत की पहली कंपनी है जो टेनेलिग्लिप्टिन+ पियोग्लिटाज़ोन के अभिनव एफडीसी का विपणन करती है जिसे भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल द्वारा अनुमोदित किया गया है। यह उन रोगियों के लिए उपयोगी होगा जिन्हें इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने वाले ग्लाइसेमिक कंट्रोल में सुधार के लिए उपचार की आवश्यकता होती है। टाइप २ डायबिटीज रोगियों को आमतौर पर β सेल डिसफंक्शन और इंसुलिन प्रतिरोध के मुद्दों का सामना करना पड़ता है। कॉम्बिनेशन में इन दो सबसे महत्वपूर्ण पथ फिजीओलजीस से निपटने की क्षमता है जो इसे अनकंट्रोलड टाइप २ डायबिटीज के प्रबंधन में अधिक प्रभावी बनाती है। यह एक सहक्रियात्मक दृष्टिकोण प्रदान करेगा जिसमें टेनेलिग्लिप्टिन बीटा सेल संवेदनशीलता में बेहतर सुधार करेगा और पियोग्लिटाज़ोन प्रभावी रूप से इंसुलिन प्रतिरोध को कम करेगा। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, भारत में डायबिटीज का प्रसार लगभग ७४ मिलियन वयस्क है, जिसके २०४५ तक बढ़कर १२५ मिलियन होने की उम्मीद है। इनमें से ७७% रोगियों को अनकंट्रोलड डायबिटीज है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स में ग्रुप वाइस प्रेसिडेंट और हेड ऑफ इंडिया फॉर्म्युलेशन्स आलोक मलिक ने कहा, “हमें इस नोवल ज़ीटाप्लसपीओ को पेश करते हुए खुशी हो रही है जो वयस्क डायबिटीज रोगियों के लिए एक विश्व स्तरीय और किफायती उपचार विकल्प पेश कर रहा है।”