सिलीगुड़ी: चेन्नई की ग्लैनइगल्स हेल्थ सिटी (जीजीएचसी) ने सिलीगुड़ी में अपना लिवर क्लिनिक और रीजनल इनफार्मेशन सेंटर खोला है । इसके लिए जीजीएचसी ने फार्च्यून वाइव हेल्थ केयर के साथ साझेदारी की है । यह पूरे देश में ग्लैनइगल्स ग्लोबल हेल्थ सिटी का 20वां लीवर क्लीनिक होगा। शनिवार को इस क्लीनिक का उद्घाटन फार्च्यून वाइव हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के डाक्टर पीडी भूटिया तथा जीजीएचसी के लिवर ट्रांसप्लांट एवं एचपीबी सर्जरी के निदेशक डॉक्टर मिट्टू श्रीनिवास रेड्डी ने किया । इस अवसर पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए डॉ रेड्डी ने कहा कि सिलीगुड़ी में लिवर क्लिनिक की शुरुआत कर वह काफी उत्साहित हैं। यहां नियमित रूप से हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर आते रहेंगे । पश्चिम बंगाल के लीवर रोगियों को इस क्लीनिक से काफी लाभ होगा । संवाददाताओं को डॉ पीडी भूटिया ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वह ग्लैनइगल्स ग्लोबल हेल्थ सिटी के साथ काफी लंबे समय से जुड़े हुए हैं । यहां से काफी मरीजों की चिकित्सा उन्होंने ग्लैनइगल्स ग्लोबल चेन्नई में कराई है । सभी मरीज स्वस्थ होकर लौटे हैं । सिलीगुड़ी के इस लीवर क्लीनिक में ग्लैनइगल्स ग्लोबल हेल्थ सिटी के चिकित्सक हर महीने नियमित रूप से आएंगे। वह रोगियों की चिकित्सा करेंगे। यदि किसी मरीज को सर्जरी की आवश्यकता होगी तभी उन्हें चेन्नई इलाज के लिए भेजा जाएगा । संवाददाताओं को संबोधित करते हुए डॉ मिट्टू ने आगे कहा कि भारत में हर साल लीवर के 10 लाख मरीज मिलते हैं। देश में हर साल 25000 लिवर ट्रांसप्लांटेशन की आवश्यकता होती है । लेकिन 1 साल में मात्र 2500 लिवर ट्रांसप्लांट ही हो पाता है । यह बीमारी काफी तेजी से बढ़ रही है । मरीजों को तब जानकारी मिलती है जब यह लास्ट स्टेज में पहुंच जाता है। लिवर की बीमारी के लक्षण का पता तब तक नहीं चलता जब तक मरीज की चिकित्सा जांच नहीं हो जाती । लीवर की बीमारी आमतौर पर शराब के सेवन, वायरस, जॉन्डिस तथा मोटापे से होती है। यदि समय पर चिकित्सा नहीं हो तो लीवर स्थाई रूप से खराब हो जाता है।