हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में G20 प्रेसीडेंसी ऑफ इंडिया के तहत ‘ईको-इनोवेशन फॉर एनर्जी ट्रांजिशन’ पर अनुसंधान और नवाचार पहल सभा (आरआईआईजी) का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा संरक्षण प्रणाली विकसित करने पर चर्चा हुई। दो दिवसीय सम्मेलन में जी20 सदस्य देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और वैज्ञानिक समुदाय के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया। पहले दिन कुल चार सत्र हुए। सम्मेलन होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित किया गया था।
बैठक की अध्यक्षता केंद्र के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव श्रीवारी चंद्रशेखर ने की। विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के प्रतिनिधि डीपी श्रीवास्तव ने भारत में ऊर्जा परिवर्तन पर भाषण दिया, इसके बाद प्रोफेसर रघुनाथन रंगास्वामी द्वारा जी20 एजुकेशन वर्किंग ग्रुप पर एक बयान दिया गया। सम्मेलन बुद्धिमान ऊर्जा संक्रमण, भंडारण और प्रबंधन जैसे विषयों पर सदस्य देशों के बीच अनुसंधान और नवाचार सहयोग में चुनौतियों और अवसरों पर केंद्रित था।
लगभग 60 विदेशी प्रतिनिधियों को हिमाचल प्रदेश की पहचान से जुड़े प्रतीकों के बारे में जानने का अवसर मिला। सतत ऊर्जा और चक्रीय जैव-अर्थव्यवस्था पर आरआईआईजी सम्मेलन रांची और डिब्रूगढ़ में आयोजित किया गया था। योग सत्र के दौरान प्रतिनिधियों ने करीब सवा घंटे तक योगाभ्यास किया। योग सत्र के बाद, उन्होंने धर्मशाला और आस-पास के स्थानों का दौरा किया, मान टी फैक्ट्री में चाय का स्वाद चखा और कांगड़ा कला संग्रहालय का दौरा किया।