G20 सस्टेनेबल फाइनेंस वर्किंग ग्रुप (SFWG) का अंतिम दिन बुधवार सुबह महाबलीपुरम में सुरम्य तट मंदिर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने के साथ शुरू हुआ। इस मौके पर प्रतिनिधियों ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिद्धा के प्रतिभागियों के साथ बादलों से घिरे वातावरण में योग किया। अंतिम दिन की बैठक के पहले सत्र में सतत विकास के वित्तपोषण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र की क्षमता निर्माण पर विचार-विमर्श किया गया। इसके बाद आयोजित सत्र में प्रतिनिधियों के समक्ष अद्यतन सिफारिशें प्रस्तुत की गई। इस दौरान प्रतिनिधियों ने जलवायु से संबंधित निवेशों की बाधाओं पर काबू पाने के उपायों पर भी विचार-विमर्श किया।
इस मौके पर लगभग 100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जलवायु परिवर्तन के लिए वित्तीय संसाधन समय पर और समुचित रूप में जुटाने, स्थाई विकास लक्ष्यों के लिए धन की व्यवस्था करने और पारिस्थितिकी के लिए क्षमता निर्माण के वित्तीय उपायों पर विचार किया गया। बैठक की समाप्ति के बाद महाबलीपुरम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम से पहले प्रतिनिधियों ने स्थानीय भ्रमण का भी दौरा किया। इससे पहले वित्त कार्य समूह की बैठक के दूसरे दिन जलवायु संकट से निपटने के लिए समय रहते पर्याप्त वित्तीय संसाधन जुटाने पर विचार विमर्श किया गया।
सदस्य देशों ने सोमवार को हुई चर्चा के अनुरूप कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने पर गहन विचार विमर्श किया। बैठक से अलग आयोजित कार्यशाला में भारतीय अध्यक्ष गीतू जोशी ने कहा कि 2030 के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने से संबंधित क्रियाकलापों से जुड़े वित्तीय जोखिमों, अवसरों और उनके प्रभावों को समझना आवश्यक होगा। बैठक के दौरान इंडोनेशियाई प्रतिनिधियों ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जलवायु और सामाजिक वित्त कैसे जुटाया जाए इस पर भी चर्चा की गई। महाबलीपुरम से पहले सस्टेनेबल फाइनेंस वर्किंग ग्रुप की पहली दो बैठकें गुवाहाटी और उदयपुर में हुई थीं।