सिलिगुड़ी के चार पर्वतारोहियों ने लद्दाख की दो अज्ञात शिखरों पर विजय हासिल कर रचा इतिहास

हिमालय की रहस्यमयी व दुर्गम चोटियों को पहली बार सिलीगुड़ी  के चार साहसी पर्वतारोहियों ने विजय हासिल की है. गणेश साहा, कल्याण देव, सुदेव रॉय और काजल कुमार दत्ता। इस ऐतिहासिक अभियान के ज़रिए उन्होंने लद्दाख के ऐसे दो शिखरों (Point 6150 मी. और Point 6086 मी.) को फतह किया जिनपर पहले किसी ने चढ़ाई नहीं की थी।  यह अभियान हिमालयन नेचर एंड एडवेंचर फाउंडेशन (HNAF), सिलीगुड़ी द्वारा आयोजित किया गया था, और यह संगठन जून 1993 से पर्वतारोहण की गतिविधियाँ चला रहा है. चारों अभियानकारी 1 अगस्त को सिलीगुड़ी से रवाना हुए, पहले दिल्ली, फिर मनाली होते हुए लद्दाख पहुँचे।

वहाँ 5 अगस्त को बेस कैंप स्थापित किया। लद्दाख के “कोल्ड डेजर्ट” क्षेत्र की कड़कती हवाओं और खुरदरे रुखरा इलाके ने दल के लिए सबसे बड़ा चुनौती पेश की। उन्होंने बिना किसी शेर्पा या मार्गदर्शक के पूरी चढ़ाई पूरी की। मौसम की भ्रांतियों और कठिन परिस्थितियों को देखते हुए, टीम ने केवल दो उच्चतर कैंप स्थापित करने का जोखिमपूर्ण निर्णय लिया । 9 अगस्त की रात से ही चढाईआरंभ हुआ और तेज तकनीकी चढ़ाई के बाद सुबह 10:20 बजे Point 6150 मी. और लगभग 11:50 बजे Point 6086 मी. की चोटी पर विजय प्राप्त की गई। यह पहली बार है कि ये दोनों शिखर Point 6150 मी. और Point 6086 मी. पहली बार अभियानकारियों द्वारा फतह किए गए हैं और इनका नामकरण तक नहीं हुआ था।

इस उपलब्धि ने न केवल बंगाल बल्कि पूरे देश में साहस और मानसिक दृढ़ता का नया अध्याय रचा है। चारों पर्वतारोहियों गणेश साहा (सिलिगुड़ी), कल्याण देव (बैरकपुर), सुदेव रॉय और काजल कुमार दत्ता (दोनों मालबाजार)—के इस अभियान ने यह साबित कर दिया कि जब इच्छाशक्ति और प्रशिक्षण साथ हो, तो सबसे चुनौतीपूर्ण हिमालयी चोटियाँ भी जीती जा सकती हैं। यह सफलता न सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि बंगाल की पर्वतारोहण संस्कृति का प्रतीक है, जो युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।

By Sonakshi Sarkar