पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है हालांकि राज्य में बृहस्पतिवार को बारिश कम हुई। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बाढ़ से होने वाली मौतों की संख्या 23 बनी हुई है क्योंकि सात प्रभावित जिलों में से कहीं से भी किसी अन्य मौत की सूचना नहीं मिली है। राज्य में लगभग तीन लाख लोगों को राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
अधिकारी ने कहा, “बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। हम इसकी निगरानी कर रहे हैं। पर्याप्त उपाय किए गए हैं और हमने सुनिश्चित किया है कि पीने के पानी, सूखे भोजन के पैकेट और दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति हो।” इन सात जिलों में चार लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश और बाद में बांधों से पानी छोड़े जाने से पूर्वी और पश्चिम बर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा, दक्षिण 24 परगना और बीरभूम जिलों के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की कि दामोदर घाटी निगम (डीएमवी) ने अपने बांधों से अभूतपूर्व तरीके से पानी छोड़ा है जो ”मानव निर्मित” जलप्रलय का कारण बना। हालांकि, डीवीसी ने कहा कि वह राज्य सरकार की सहमति लेने के बाद पानी छोड़ता है और उसे बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान, मुख्यमंत्री ने राज्य में बाढ़ के लिए डीवीसी को जिम्मेदार ठहराया और इस मुद्दे को उठाया। पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश और बाद में पानी छोड़े जाने से पूरब और पश्चिम बर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा, दक्षिण 24 परगना और बीरभूम जिलों के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा कि मोदी ने बनर्जी को हालात से निपटने के लिए केन्द्र की ओर से हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया। इसने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की। प्रधानमंत्री ने इस स्थिति से निपटने के लिए उन्हें हरसंभव केंद्रीय मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावित इलाकों में लोगों की सुरक्षा की कामना की।’’