ओल्ड मालदा नगर पालिका के असंरक्षित इलाके में महानंदा नदी का पानी घुस जाने से सैकड़ों परिवारों को मुश्किलों का समाना करना पड़ रहा है। घरों में जल जमाव के कारण कुछ लोग अस्थायी रूप से स्थानीय मदरसों में रहने लगे हैं। कई सड़क के किनारे तम्बू गाड़ के दिन बिता रह हैं। बाढ़ प्रभावितों ने आरोप लगाया कि अब तक केवल पूर्व वार्ड पार्षद उनका हालचाल पूछा । उनके अलावा किसी ने उनकी सुध नहीं ली। गौरतलब है कि भारी बारिश से गंगा और फुलहर नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से दोनों नदियों का जलस्तर कम होने लगा है। वाबजूद इसके दोनों नदियां अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। महानंदा का जलस्तर भी कई दिनों तक बढ़ने के बाद कम होने लगा है। शुक्रवार को महानंदा का जलस्तर 20.43 मीटर था। भारी बारिश के कारण ओल्ड मालदा नगरपालिका के वार्ड 8 और 20 के निचले हिस्से में नदी का पानी पहले ही भर चूका है.
जल जमाव के कारण सैकड़ों परिवार संकट में हैं। बाढ़ पीड़ितों के लिए आज के दिन से उस्मानिया हाई मदरसा खोल दिया गया है। काफी संख्या में लोग वहां अस्थायी रूप से शरण ले रहे हैं। सड़क के किनारे ट्रिपाल टांगकर दिन बिता रहे भसानी हलदर ने कहा कि “पूर्व पार्षद के अलावा कोई हमें देखने नहीं आया.” नियमित रूप से उनलोगों को खाना नहीं मिला। बाढ़ की स्थिति को लेकर वे लोग बहुत परेशान हैं।’ बाढ़ से प्रभावित एक और व्यक्ति बनवासी आसिफ शेख ने कहा, ‘मैं 5-6 दिनों से पानी के बीच फंसा हूं। मदरसा आज खुला है। लेकिन आधिकारिक तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पूर्व व वर्तमान पार्षदों के अलावा कोई उनकी सुध लेने नहीं आया। न ही अब तक कोई राहत सामग्री मिली है। , दूसरी ओर वार्ड 8 के पूर्व पार्षद श्याम मंडल ने कहा, ”महानंदा का पानी बढ़ रहा है. ओल्ड मालदा नगर पालिका के वार्ड 8 व 20 के निचले हिस्से में नदी का पानी घुस गया है. करीब सौ परिवार संकट में हैं। कई लोगों ने मदरसों में शरण ली है। ज्यादातर लोग सड़क किनारे रह रहे हैं। समस्या तभी और बढ़ेगी जब नदी का पानी और बढ़ेगा । नगर प्रशासक फिलहाल कोलकाता में है। उनसे बात हुई है। उन्होंने कहा कि वे लौटकर पीड़ितों के पुनर्वास की व्यवस्था करेंगे।