फ्लिपकार्ट ने उत्तर पूर्व हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लिमिटेड (एनईएचएचडीसी) के साथ एमओयू पर किया हस्ताक्षर

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भारत के घरेलू ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट ने फ्लिपकार्ट समर्थ प्रोग्राम के तहत समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करते हुए उत्तर पूर्व हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लिमिटेड, गुवाहाटी से हाथ मिलाया है। एमओयू का उद्देश्य कारीगरों को सशक्त करने, हथकरघा एवं हस्तशिल्प कारोबार के लिए अवसर बढ़ाने और महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए अवसर बढ़ाने पर फोकस करते हुए पूर्वोत्तर में सभी संबंधित पक्षों का हित सुनिश्चित करना है। 1977 में स्थापित उत्तर पूर्व हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लिमिटेड (एनईएचएचडीसी) का लक्ष्य शिल्पकारों को संबंधित बाजारों एवं उपभोक्ताओं से जोड़ते हुए क्षेत्र के स्थानीय शिल्प को बढ़ावा देना और उनका विकास सुनिश्चित करना है। उपभोक्ताओं को सांस्कृतिक मूल्य प्रदान करते हुए क्रिएटर्स के लिए आर्थिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक विकास के अवसर सृजित करना एनईएचएचडीसी के मिशन का हिस्सा है।

इस गठजोड़ को लेकर उत्तर पूर्व हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) राजीव कुमार सिंह ने कहा, ‘कारीगरों, हथकरघा एवं हस्तशिल्प कारोबार के विकास को बढ़ावा देना और साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को समावेशी अवसर प्रदान करना राज्य के लिए महत्वपूर्ण है। फ्लिपकार्ट समर्थ के साथ की गई यह रणनीतिक साझेदारी राज्य में स्थानीय कारोबार को सशक्त करने की दिशा में उत्तर पूर्व हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लिमिटेड के लक्ष्य के ही अनुरूप है। इस पहल के माध्यम से हमारा उद्देश्य ई-कॉमर्स के माध्यम से उनके लिए कारोबार के अवसर बढ़ाना और राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास को गति देना है।’

इस अवसर पर फ्लिपकार्ट ग्रुप के चीफ कॉरपोरेट अफेयर्स ऑफिसर श्री रजनीश कुमार ने कहा, ‘भारत के आर्थिक विकास को गति देने के लिए अथक प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए फ्लिपकार्ट लाखों स्थानीय कारोबारियों को उनके ई-कॉमर्स के सफर में सहयोग के लिए समर्पित है। हम फ्लिपकार्ट की क्षमताओं और विशेषज्ञता का लाभ लेते हुए विकास के अवसर सृजित करने की दिशा में उद्यमियों को प्रेरित करने के लिए उत्तर पूर्व हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लिमिटेड के साथ गठजोड़ को लेकर उत्साहित हैं। इस एमओयू के माध्यम से हमें एक ऐसे सफर पर बढ़ने की खुशी है, जो कारोबारियों को सशक्त करेगा, उनके मन में विकास की विचारधारा को प्रोत्साहित करेगा और पूर्वोत्तर क्षेत्र के कारीगरों, बुनकरों एवं शिल्पकारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।’