किसानों को नहीं मिल पा रहा है आम और लीची की सही कीमत

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लागत भी उठ पाना बहुत मुश्किल हो रहा है किसानों के लिए

सिलीगुड़ी: यदि परिस्थिति अनुकूल हो तो आम के आम गुठलियों को भी दाम मिल जाते हैं। मगर, इन दिनों सीजन होने के बावजूद पूर्वोत्तर में कच्चे माल की सबसे बड़ी थोक मंडी सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में गुठली तो दूर आम व लीची को ही दाम नहीं मिल पा रहे हैं। महत्वपूर्ण त्योहार को लेकर व्यापारियों ने जम कर आमद कराई लेकिन पिछले चार दिनों से आम व लीची के बाजार में मंदी छाई हुई है।
फलों के राजा माना जाने वाले आम के सभी दीवाने हैं। यही कारण है कि आम के सीजन में अन्य फल जैसे सेब, मौसमी, नास्पाती, अंगूर और अनार आदि के बाजार में मंदी छाई रहती है। उसमें भी जमाई षष्ठी के बाजार में तो आम और लीची की बहार होती है। मगर, इस बार आम व लीची के व्यापारी और किसानों के हाथ सिर पर हैं। हालांकि, खुदरा बाजार के व्यापारियों की बल्ले-बल्ले है। फिलहाल इस्लामपुर से रायगंज और बिहार के भागलपुर, नौगछिया, थाना- बिहपुर और मुजफ्फरपुर से लीची और मालदा के साथ मुजफ्फरपुर, नौगछिया, भागलपुर से आम की आमद सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में हो रही है। मुजफ्फपुर की लीची सर्वोत्तम मानी जाती है। वहीं आम में लंगड़ा, हिमसागर, लखनभोग और किशनभोग बाजार में छाया हुआ है। थोक मंडी के व्यापारियों की मानें तो लीची का पैकेट दस किलो और आम का कैरेट 24 से 25 किलो का होता है।इधर, मंगलवार को बंगाल की लीची थोक मंडी में 800 से 900 रुपये प्रति कार्टून यानी दस किलो की बिकी। वहीं, बिहार की लीची 550 से 600 रुपये प्रति कार्टून। बिहार का लंगड़ा 38 से 40 रुपये प्रति किलो, मालदा का लगंड़ा 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिका। इसके अलावा हिमसागर 40 से 45 रुपये प्रति किलो, लखन भोग 20-23 रुपये प्रति किलो और किशनभोग 18-22 रुपये प्रति किलो के दर से बिका है। नाम प्रकाशित को अनिच्छुक एक व्यापारी ने बताया कि मझोले आकार का किशन भोग आम पकने के बाद बिल्कुल विश्व विख्यात अल्फांसो आम की तरह दिखता है जिसका फायदा खुदरा व्यापारी बड़े आराम से उठा लेते हैं।गत शनिवार को आम की कीमत 5 से 10 रुपया प्रति किलो तेज थी। वहीं बीते शनिवार को बिहार की लीची 800 रुपया और बंगाल की लीची 1100 रुपया प्रति कार्टून की दर से बिकी थी। व्यापारियों का मानना है कि जमाई षष्ठी के बाजार पर भरोसा कर मांग से अधिक आम और लीची की आमद हुई। जिसकी वजह से कीमत लुढ़की। कीमत लुढकने से किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की माने तो इस्लामपुर, रायगंज और मालदा से एक पिकअप वैन का किराया 8500 से 10500 रुपया निर्धारित है। वहीं भागलपुर, नौगछिया और मुजफ्फरपुर से पिकअप का किराया 13000 से 15000 रुपया पड़ता है। कीमत लुढ़कने से किराया काटकर किसानों को दैनिक मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। जबकि थोक मंडी से खुदरा बाजार में आम और लीची की कीमत में भारी अंतर है। खुदरा बाजार में लंगड़ा आम शतक और लीची 150 रुपए प्रति किलो के करीब है।