इलेक्रामा 2025: भारत के ऊर्जा भविष्य को मिली नई दिशा

जैसे-जैसे भारत विकसित भारत 2047 की दिशा में अपनी यात्रा तेज कर रहा है और आत्मनिर्भर भारत के तहत एक वैश्विक विनिर्माण हब के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है, वैसे-वैसे बिजली क्षेत्र की भूमिका आर्थिक विकास, ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने में और भी महत्वपूर्ण होती जा रही है। इस बदलते परिदृश्य में, आईईईएमए (इंडियन इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन) ने आज ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रिकल शो इलेक्रामा (ELECRAMA) 2025 की भव्य शुरुआत की।

इलेक्रामा के 16वें संस्करण में भारत की विद्युत और ऊर्जा तकनीकों में क्षमता प्रदर्शित की गई है, जिससे इसकी भूमिका एक विश्वसनीय वैश्विक भागीदार के रूप में और मजबूत होती है। भारत के माननीय मिनिस्टर ऑफ पावर एंड हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स श्री मनोहर लाल खट्टर ने इस भव्य उद्घाटन की शोभा बढ़ाई और उन्होंने भारत के ऊर्जा से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।

इस कार्यक्रम में श्नाइडर इलेक्ट्रिक के सीईओ श्री ओलिवर ब्लूम; सीमेंस स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के सीईओ श्री मथियस रेबेलियस; आईईईएमए के प्रेसिडेंट श्री सुनील सिंघवी; इलेक्रामा 2025 के प्रेसिडेंट (इलेक्ट) एवं चेयरमैन श्री विक्रम गंडोत्रा और आईईईएमए के वाइस प्रेसिडेंट एवं इलेक्रामा 2025 के वाइस चेयरमैन श्री सिद्धार्थ भूतोरिया जैसे उद्योग जगत के दूरदर्शी लोग भी शामिल हुए, जिन्होंने इलेक्ट्रिकल और बिजली क्षेत्र के भविष्य पर अपने विचार साझा किए।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, भारत के माननीय मिनिस्टर ऑफ पावर एंड हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स श्री मनोहर लाल खट्टर ने ऊर्जा सुरक्षा, ग्रिड आधुनिकीकरण और स्थिरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जो राष्ट्र के विकसित भारत @2047 के लॉन्ग टर्म विजन के अनुरूप है। उन्होंने कहा, “बिजली क्षेत्र से मिल रहे समर्थन के दम पर भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लिहाज से अच्छी स्थिति में है। इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग स्वच्छ ऊर्जा के विस्तार, ग्रिड आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाने और ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाएगा। भारत 200 गीगावाट से ज्यादा रिन्युएबल एनर्जी क्षमता स्थापित करने और 2030 तक 500 गीगावाट के लक्ष्य के साथ, स्थायी ऊर्जा को अपनाने में खासी प्रगति कर रहा है। ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर और व्हीकल-टू-ग्रिड (वी2जी) तकनीक के विस्तार से ई-मोबिलिटी की ओर बदलाव में और तेजी आएगी। 2030 तक, भारत का लक्ष्य 800 गीगावाट उत्पादन क्षमता हासिल करना है, जिसमें 50% हिस्सेदारी रिन्युएबल एनर्जी की होगी। इससे वैश्विक स्तर पर क्लीन एनर्जी लीडर के रूप में भारत की भूमिका को मजबूती मिलेगी। मैं इलेक्रामा 2025 के आयोजन के लिए आईईईएमए की सराहना करता हूं, जो डिजिटल परिवर्तन और स्थिरता को प्रोत्साहन देने के लिए इंडस्ट्री लीडर्स, इनोवेटर्स और नीति निर्माताओं को एक साथ लाने वाला एक प्रमुख मंच है। इससे ऊर्जा नवाचार और आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में भी भारत की स्थिति मजबूत होगी।”

By Business Bureau