ड्यूरेक्स TBBT ने आउटलुक पत्रिका के विशेष अंक के साथ LGBTQIA+ कम्‍युनिटी का जश्न मनाया

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यौन स्वास्थ्य और कल्‍याण को प्रोत्‍साहन देने के लिए काम करने के लिए ड्यूरेक्स पूरी दुनिया में एक जाना-माना नाम है। ड्यूरेक्स विशिष्‍ट प्राइड मासिक संस्करण के लिए आउटलुक पत्रिका के साथ एक विशेष साझेदारी की घोषणा करते हुए काफी उत्‍साहित है। अपनी अनोखी पहल ‘द बर्ड्स एंड बीज़ टॉक (टीबीबीटी)’ के अंतर्गत तैयार इस अंक को इस साल के प्राइड मासिक विषय, ‘रिफ्लेक्ट. एम्पावर. यूनाइट’ के अनुरूप LGBTQIA+कम्‍युनिटी का जश्न मनाने और उसको समर्थन देने के लिए डिजाइन किया गया है। ड्यूरेक्स TBBT के साथ साझेदारी में आउटलुक पत्रिका का यह विशेष संस्करण, प्रकाशन से कहीं बढ़कर है। यह एक अधिक समावेशी और बेहतर समझ रखने वाले समाज को बढ़ावा देने में कहानी सुनाने, शिक्षा और सामुदायिक समर्थन की शक्ति का एक प्रमाण है। LGBTQIA + कम्‍युनिटी की उपलब्धियों का जश्न मनाने और चुनौतियों का समाधान करके, यह पहल यकीनन ‘रिफ्लेक्ट. एम्पावर. यूनाइट’ के प्राइड मसिक विषय साकार करती है।

समुदाय के लिए महत्वपूर्ण योगदान के रूप में इस पहल का उद्देश्य समावेशिता को बढ़ावा देना और यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में जरुरी संवाद को मजबूत करना है। डायरेक्‍टर ऑफ एक्‍टर्नल एफेयर्स एंड पार्टनरशिप, SOA, रेकिट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के ट्रांस एलीशिप अवार्ड के प्राप्‍तकर्ता रवि भटनागर द्वारा अतिथि के रुप में संपादित इस विशेष संस्करण में प्रेरक कहानियों, विशिष्‍ट जानकारी और व्यापक दर्शकों को संबोधित करने के लिए तैयार की गई शैक्षिक सामग्री की एक श्रृंखला दी गई है। आवाज़ को ताकत देना: यह संस्करण सुशांत दिवगीकर, आलोक वर्मा, दुती चंद और त्रिनेत्र हलधर गुम्माराजू जैसी मशहूर LGBTQIA+ हस्तियों के लिए एक शक्तिशाली मंच प्रदान करता है। सामाजिक बाधाओं को दूर करने और समावेशिता को बढ़ावा देने में उनकी कहानियाँ वास्तव में प्रेरणादायक हैं और LGBTQIA+ कम्‍युरिटी की खूबियों और उपलब्धियों से पाठकों को रुबरु कराके उनको सशक्त बनाने का लक्ष्य रखती हैं।

विशेषज्ञ जानकारी: पत्रिका में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्रा, प्रमुख ट्रांसजेंडर अधिकार कार्यकर्ता लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और प्रसिद्ध पत्रकार अशोक रो कवि जैसी प्रमुख हस्तियों के अतिथि कॉलम शामिल किए गए हैं। ये कॉलम LGBTQIA+ कम्‍युनिटी के इतिहास, अधिकारों और सामाजिक मान्‍यताओं की गहराई में जाकर विश्‍लेषण करते हैं, जिनका मूल्‍यवान नजरिया शैक्षिक और विचारणीय दोनों हैं। व्यापक शिक्षा: व्यापक यौन शिक्षा, विधायी संरक्षण और सांस्कृतिक बदलावों की जरुरत पर फोकस करते हुए, इस संस्करण का उद्देश्य एक ऐसे समाज को बढ़ावा देना है जो विविधता को महत्व देता है और व्यक्तियों को उनके लिंग पर ध्‍यान दिए बिना अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाता है। इस अंक की विषय-वस्‍तु अधिक समावेशी दुनिया के लिए चल रहे प्रयासों और भविष्य की आकांक्षाओं पर प्रकाश डालती है, जो इसे LGBTQIA+ कम्‍युनिटी को समझने और उसका समर्थन करने के इच्छुक पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बनाती है। TBBT प्रोग्राम का प्रभाव: बर्ड्स एंड बीज़ टॉक पहल ने पूरे भारत में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य शिक्षा पर व्‍यापक प्रभाव डालने का काम किया है। प्रोग्राम की सोशल रिटर्न ऑन इन्‍वेस्‍टमेंट (SROI) मूल्यांकन अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, निवेश किए गए प्रत्येक ₹ 1 का सामाजिक मूल्य काफी अधिक ₹ 24.40 के बराबर है, जो इसकी प्रभावशीलता और दूरगामी प्रभाव को दर्शाता है। महत्वपूर्ण जरूरतों को संबोधित करके और स्वस्थ आचरण को बढ़ावा देकर, TBBT