जलपाईगुड़ी(न्यूज़ एशिया )ঃ जलपाईगुड़ी शहर के मध्य में 1935 में स्थापित श्री श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में प्रत्येक वर्ष काफी धूमधाम से भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव यानि जन्माष्टमी मनाई जाती है. पूजा के साथ-साथ विभिन्न राज्यों से आये प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस बार आरजी कर कांड के कारण जन्माष्टमी का त्यौहार भव्य रूप से पिछले र्षों की आयोजित नहीं की गई है. हालांकि सोमवार सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों का आना शुरू हो गया था, लेकिन जन्माष्टमी का त्योहार का माहौल अन्य वर्षों की तरह नहीं है.इस संदर्भ में, मंदिर में पूजा करने आए एक भक्त अमित भट्टाचार्य ने कहा, “हम इस क्षेत्र के बाशिंदा है , जन्माष्टमी के दिन यहां पूजा करने आते हैं।
पूरे मामले का प्रबंधन करने के लिए एक मंदिर समिति है।” कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल की घटना को लेकर इस समय पूरे राज्य में दुख और दर्द का माहौल है, इसीलिए कमेटी ने इस साल साधारण तरीके से जन्माष्टमी का आयोजन किया है. वहीं जलपाईगुड़ी श्री श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर कमेटी के वर्तमान अध्यक्ष परमानंद सिंह ने कहा कि अन्य वर्षों में जन्माष्टमी पर बाहर से कलाकारों को बुलाकर किये जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम को रद्द करने का निर्णय लिया गया है।
इस बार बहुत ज्यादा ख़ुशी मनाने का माहौल नहीं है. आरजी कर अस्पताल में जिस लकड़ी के साथ दरिंदगी हुई है, वह सिर्फ कोलकाता की, बल्कि वह हमारे घर की लड़की थी. उसके साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था!इसलिए इस बार श्री श्रीकृष्ण की पूजा तो होगी लेकिन कोई बड़ा सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं किया जा रहा है।