जलपाईगुड़ी जिले के क्रांति ब्लॉक स्थित चापाडांगा ग्राम पंचायत के उत्तर बसुसुबा इलाके में हाबिरुद्दीन स्मृति प्राइमरी स्कूल जलजमाव की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। तिस्ता नदी का पानी क्षेत्र में घुस आने के कारण स्कूल परिसर और कक्षाएं जलमग्न हो चुकी हैं। इससे स्कूल के भीतर पठन-पाठन पूरी तरह से ठप हो गया है।बच्चे और शिक्षक अब बाध्य होकर खुले आसमानের के निचे सड़क के किनारे बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। कभी तेज धूप, तो कभी मूसलधार बारिश इन सबका सामना करते हुए छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं।स्कूल के प्रांगण में घुटनों तक पानी भरा हुआ है, वहीं कक्षाओं के भीतर जहरीले कीड़े-मकोड़े, सांप और मेंढकों ने अपना डेरा जमा लिया है।
स्कूल के प्रधान शिक्षक तीर्थप्रतিम देव ने बताया, “सामने परीक्षा है, इसलिए बच्चों को पढ़ाना जरूरी है। लेकिन स्कूल में पानी भरे रहने के कारण वहां पढ़ाई संभव नहीं है। मजबूरन हम सड़क पर क्लास ले रहे हैं। सिर्फ मिड-डे मील की रसोई किसी तरह किचन रूम में चल रही है, बाकी सब कुछ बाहर ही करना पड़ता है।”स्थानीय निवासी अलाबक्स अली ने बताया कि उनका पोता भी इसी स्कूल में पढ़ता है। उन्होंने बताया, “तिस्ता का पानी अब भी हमारे गांव में भरा है। बच्चों को स्कूल में नहीं, सड़क पर पढ़ाई करनी पड़ रही है। स्कूल ही नहीं, इस इलाके के करीब 4000 घर अभी भी पानी में डूबे हुए हैं।”
जानकारी के मुताबिक, दो महीने पहले वैद्यडांगी नदी में तिस्ता का पानी घुस आया था, जिससे उत्तर बसुसुबा और दक्षिण बसुसुबा में 800 घर, पूर्व सांगोपाड़ा में 600, चापाडांगा में 300, डाबुरीपाड़ा में 400, दक्षिण चेंगमारी में 1000, दासेर मोड़ में 400 और अन्य इलाकों के 500 से अधिक घर पानी में डूब गए हैं।इस प्राइमरी स्कूल में प्री-प्राइमरी से चौथी कक्षा तक पढ़ाई होती है। छोटे-छोटे बच्चों को खुले में पढ़ाई करना पड़ रहा है, जिससे उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है।स्थानीय लोग और शिक्षक अब प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकाला जाए और स्कूल की साफ-सफाई कराकर पढ़ाई के लिए उपयुक्त माहौल तैयार किया जाए।
