सही दाम नहीं मिलाने के कारण सैकड़ों तरबूज बर्बाद हो रहे है। ताजे, मीठे पानी से भरपूर यह फल बिक्री की कमी के कारण खेत में ही पड़े-पड़े नष्ट हो रहे है, कारन सही कीमत पर खरीददार नहीं मिल रहे हैं हालांकि बाजार में स्थानीय तरबूज उपलब्ध हैं, लेकिन तरबूज किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। परिणामस्वरूप उनमें निराशा की तस्वीर साफ देखने को मिल रही है।
कुछ दिन पहले तरबूज़ की कीमत आसमान छू रही थी। लेकिन वर्तमान में मैनागुड़ी और जलपाईगुड़ी सहित तीस्ता के किनारे स्थित विभिन्न स्थानों से तरबूज बाजार में आ रहे हैं, इसलिए उनकी कीमतें बहुत कम बनी हुई हैं। वर्तमान में तरबूज चार से पांच रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर बेचा जा रहा है। बाजार में कुछ बड़े तरबूज बीस रुपये प्रति पीस के हिसाब से बिक रहे हैं।
परिणामस्वरूप तरबूज किसानों को कोई लाभ होता नहीं दिख रहा है। अब जलपाईगुड़ी शहर में विभिन्न जगहों पर तरबूज तीन से चार रुपये किलो में बिक रहे हैं। कुछ तरबूज दस रुपये प्रति पीस की दर से भी बेचे जा रहे हैं। कुल मिलाकर, स्थानीय तरबूज किसानों का कहना है कि इस वर्ष उन्हें कोई लाभ नहीं हो रहा है।