ट्रेन से गांजा की तस्करी का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। तस्करों का एक गिरोह कूचबिहार जिले के दिनहाटा से ट्रॉली बैग में गांजा लेकर आया और उन्हें बारुईपुर के सूर्यपुर में बेचने की कोशिश की। उन्होंने बरुईपुर के शासन स्टेशन पर दूसरी ट्रेन पकड़ने की योजना बनाई थी। इस बीच ख़ुफ़िया जानकारी मिलने पर बारुईपुर पुलिस ने शासन बाईपास पर निर्माणाधीन पानी की टंकी के पास तीन तस्करों को गिरफ्तार कर लिया, इससे पहले कि वे अपने वाहनों में सवार हो पाते।
ट्रॉली बैग से लगभग 35 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया। जिसका बाजार मूल्य लाखों रुपये। तस्करों के पास से तीन मोबाइल और 2,270 रुपये नकद बरामद हुए। गिरफ्तार लोगों का नाम अब्दुल बसर मंडल उर्फ खोकोन, लादेन हक और मृणाल हक है। इसमें अब्दुल बसर का घर सूर्यपुर , लादेन हक़ का घर दिनहाटा और मृणाल हक का घर दिनहाटा में है। ये सभी सियालदह स्टेशन से लक्ष्मीकांतपुर लोकल ट्रेन लेकर शासन स्टेशन आए थे।
यहीं पर सवाल उठता है कि रेलवे पुलिस यह पता लगाने में असमर्थ क्यों है कि नशीली दवाओं की तस्करी के लिए ट्रेन का रास्ता इस्तेमाल किया जा रहा है? लोग सुरक्षा में लापरवाही के खिलाफ मुखर हैं। पुलिस ने बताया कि दो अपराधी सूर्यपुर के अब्दुल बसर के पास गांजा बेचने की योजना बना रहे थे। वे लंबे समय से नशीली दवाओं का व्यापार चला रहे हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह कारोबार कहां संचालित होता था। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि इसमें और कौन-कौन शामिल है। गिरफ्तार लोगों को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया ।