नवद्वीप शहर के प्रतापनगर अस्पताल रोड इलाके में उस समय सनसनी फैल गई, जब एक परित्यक्त स्थान से बड़ी संख्या में वोटर कार्ड बरामद हुए। क्षेत्र में अचानक फैली राजनीतिक गर्माहट को देखते हुए सूचना मिलते ही नवद्वीप थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। स्थानीय निवासियों की शिकायत ने मामले को और भी रहस्यमयी बना दिया है। जिन वोटर कार्डों को वहाँ से बरामद किया गया—उनमें से कई लोगों से संपर्क करने पर पता चला कि उनके घर पर पहले से ही उनके असली वोटर कार्ड मौजूद हैं।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि एक ही व्यक्ति के दो वोटर कार्ड कैसे? और इन कार्डों को सड़क पर किसने और क्यों फेंका? घटना के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। स्थानीय बीजेपी नेतृत्व का आरोप है कि इसमें तृणমূল की संलिप्तता साफ़ है। उनके अनुसार, “एसआईआर लागू होने के बाद से ही बीजेपी ने आशंका जताई थी कि वोटर कार्ड को लेकर अनियमितताएँ होंगी। आज की घटना उसी का प्रमाण है। तृणमूल डरकर वोट में धांधली का रास्ता अपना रही है।”
वहीं तृणमूल की ओर से इस आरोप का कड़ा खंडन किया गया है। पाँच नंबर वार्ड के काउंसिलर झंटुलाल दास ने कहा—“इस घटना से तृणमूल का कोई लेना-देना नहीं है। यह बीजेपी की सोची-समझी साज़िश लगती है। वोटर कार्ड चुनाव आयोग का विषय है, इसलिए हम पूर्ण जांच की मांग करते हैं।”हॉस्पिटल रोड जैसे व्यस्त और महत्वपूर्ण इलाके में इतने संवेदनशील दस्तावेज़ों का मिला जाना आम जनता के बीच भी चिंता का कारण बना हुआ है। किसने फेंका? क्यों फेंका? इसका उद्देश्य क्या था?—इन सभी सवालों के जवाब पुलिस जांच में तलाशे जा रहे हैं।
