कई कंपनियों ने राज्य में साइकिल कारखाने स्थापित करने में रुचि दिखाई है। काम में तेजी लाने के लिए टेंडर मांगे जा रहे हैं। इस बारे में कुछ संबंधित विभागों के अधिकारियों ने शुक्रवार को सचिवालय में मामले पर चर्चा की है। मुख्यमंत्री ने इससे पहले प्रदेश में साइकिल फैक्ट्री स्थापित करने की पहल का आह्वान किया था जिससे प्रदेश में एक ओर उद्योग का विकास हो तो दूसरी ओर रोजगार का सृजन भी हो। इस पहल पर कई कंपनियों ने साइकिल कारखाना स्थापित करने की इच्छा जताई थी। कैबिनेट ने गुरुवार को टेंडर आमंत्रित करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी।
नवान्ना सूत्रों में शुक्रवार को पता चला कि पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम की ओर से 30 अक्टूबर को टेंडर आमंत्रण पत्र जारी किया गया था। सरकार से कुल उत्पादन का 50 प्रतिशत खरीदने की गारंटी होगी। इसके अलावा कारखाना के लिए भूमि लगान की पूर्ण छूट, स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क की पूर्ण छूट और पांच साल के लिए बिजली शुल्क की छूट जैसे आकर्षक ऑफर राज्य सरकार देगी।
राज्य औद्योगिक विकास निगम द्वारा प्रकाशित लेटर ऑफ इंटरेस्ट के विज्ञापन में कहा गया है कि इच्छुक कंपनियों को आठ दिसंबर से 13 दिसंबर के बीच आवेदन करना होगा। निगम सूत्रों का दावा है कि जमीन मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकि, औद्योगिक तालुकों में भूमि प्राप्त करने में कोई बाधा नहीं है जो सरकार के हाथों में है। सरकार द्वारा निवेशकों को दी जाने वाली सभी सुविधाएं भी दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में स्कूली बच्चों को सबुज साथी योजना के तहत साइकिल देना शुरू किया है। आठवीं से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों को पहले ही मुफ्त में साइकिल दी जा चुकी है। राज्य को हर साल लुधियाना से 10 लाख साइकिलें खरीदनी पड़ती हैं। एक साइकिल की कीमत करीब 3400 रुपये है। नतीजतन, इस पर सालाना लगभग 340 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। चूंकि यह एक सरकारी परियोजना है, इसलिए हर साल मांग बनी रहेगी। नतीजतन, निवेश और रोजगार दोनों की मांग को पूरा करना संभव है।