बिहार के एक प्रवासी मज़दूर जब बस से यात्रा कर रहे थे ठीक उसी समय उनकी 20 साल की बेटी का हाजीपुर के कोनहरा घाट पर अंतिम संस्कार किया जा रहा था. वो अंतिम बार अपनी बेटी का चेहरा भी नहीं देख सके. बेटी का शव 26 दिसंबर को वैशाली स्थित उनके गांव की नहर में मिला था जिसके बाद से ही पूरे इलाके में तनाव का माहौल है. मृतक युवती की मां गांव में ही खेतीहर मज़दूर हैं. उनके बिना प्लास्टर के घर से कुछ दूर खुली जगह पर नेताओं का आना-जाना लगा है. घर के भीतर बैठी मां रह-रहकर सिहर उठती हैं और रोते हुए कहती हैं, “उन लोगों ने कहा था दो दिन में तुम्हारी लड़की ऊपर (ढूंढ लाएंगे) कर देंगे. वापस कर देते, मार क्यों दिया?”
ये मामला वैशाली ज़िले की तिसिऔता थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव का है. मृतक युवती के पिता पंजाब में मज़दूरी करते हैं, मां भी शाहपुर में खेतिहर मज़दूर हैं.
एक भाई और तीन बहनों में मँझली बहन ने सरकारी स्कूल में नौवीं तक की पढ़ाई की थी. घर वालों के मुताबिक आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण वो दसवीं कक्षा में दाख़िला नहीं ले सकी.
इस पूरे मामले पर युवती की भाभी और बहन बीबीसी को बताया कि 20 दिसंबर की शाम को रचना शौच के लिए अपने घर से तकरीबन 500 मीटर दूर खेत पर गई थी. लेकिन जब वो बहुत देर तक नहीं लौटी तो परिवार के सदस्य उसे ढूंढते हुए खेत में गए जहां उन्हें शौच में इस्तेमाल होने वाला लोटा मिला.
इसके बाद परिवार के लोग उसे रात भर ढूंढते रहे, लेकिन वो नहीं मिली. बड़ी बहन ने बताया, “सुबह शंका के आधार पर उन्होंने बिझरौली पंचायत के ही एक लड़के को फोन किया. जिस पर उसने कहा कि केस मत करिएगा, हम लड़की को वापस दे देंगे. अगर केस कीजिएगा तो वापस आकर सबको खत्म कर देंगे. वो ऐसे ही वक्त बढ़ाता रहा और बाद में तो बहन की लाश ही मिली.”