भारत के G20 प्रेसीडेंसी के तहत पहली डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप (DEWG) की बैठक सोमवार को लखनऊ में आयोजित किया गया, जिसमें भारत के G20 सदस्य देशों के बीच एक मजबूत यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) इकोसिस्टम बनाने पर जोर दिया गया। इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी के मंत्रालय द्वारा आयोजित तीन दिन की बैठक में , पहले दिन ‘डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर: विभिन्न देशों में डिजिटल पहचान के कार्यान्वयन में अनुभव साझा करना’ पर एक कार्यशाला हुई। चर्चा के अन्य विषयों में ‘एमएसएमई के लिए साइबर सुरक्षा समाधान साझा करना’, ‘सतत विकास लक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना’ और ‘डिजिटल अर्थव्यवस्था में बुनियादी ढांचे और उत्पाद विकास के लिए भू-स्थानिक अनुप्रयोग’ शामिल हैं। ‘टेक्नोलॉजी के उपयोग’ पर एक कार्यशाला भी आयोजित की गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने G20 सदस्यों के समक्ष एक प्रदर्शनी के दौरान राज्य की डिजिटल पहलों को रौशनी दिया ।
उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक आज की जरूरत है और जिस तेजी से इस क्षेत्र में काम किया गया है, उसने दुनिया के सामने एक अनूठी मिसाल पेश की है। उन्होंने डिजिटलीकरण के फाईदो पर भी प्रकाश डाला, जैसे कि पेंशनरों को पेंशन और छात्रों को छात्रवृत्ति, और कृषि से रसद और ई-कॉमर्स तक इस मॉडल के तेजी से कार्यान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। इस बैठक में 141 प्रतिनिधि सदस्य , 33 देशों के अतिथि ने भाग लिया हैं। डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप (DEWG) का गठन 2017 में एक सुरक्षित, इंटरकनेक्टेड और समावेशी डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।