गर्मियों में चलने वाली लू और छुट्टियों के दौरान डायबिटीज़ प्रबंधन के लिए गाइड

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दुनिया भर में तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, ऐसे में हीट वेव्‍स (लू) का बार-बार आना और तीव्र होना भी बढ़ता जा रहा है जो दुनियाभर में लोगों के स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा हीटवेव के संबंध में जारी की गई चेतावनी डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों के लिए अनोखे जोखिम लेकर आती है। डायबिटीज़ का प्रबंधन करना वैसे ही एक मुश्किल चुनौती है, लेकिन जब इसके साथ अत्य़धिक गर्मी का मौसम हो, तो व्‍यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए सक्रिय रूप से उपाय करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को बदलते पैटर्न और मौसम के परिणामों को लेकर सतर्क रहना चाहिए, आपके ग्लूकोज़ स्तर की निगरानी करना एक प्राथमिकता है, और ब्लड शुगर के स्तर की निगरानी करना महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से जीवनशैली में आया कोई भी बदलाव जो इस स्तर में परिवर्तन की वजह बन सकता है।

इस प्रक्रिया को सीजीएम उपकरणों ने आसान बना दिया है, जो बिना सुई चुभाए, एक दर्द रहित सॉल्यूशन पेश करते हैं ताकि आप सफर के दौरान भी अपनी स्थिति की जांच कर सकते हैं। आपकी रीडिंग्स पर आपको नजर रखनी होगी और हर दिन 24 घंटों में से करीब 17 घंटे अधिकतम ग्लूकोज़ रेंज में रहने की कोशिश करनी होगी। डॉ एम के मुखोपाध्याय, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, मधुमेह देखभाल विशेषज्ञ, एएमआरआई अस्पताल, कोलकाता ने कहा, “जब बात डायबिटीज़ प्रबंधन की हो तो एक स्वस्थ जीवनशैली सबसे महत्वपूर्ण है। गर्मी के महीनों में किसी भी व्यक्ति की दिनचर्या में भारी ऊथल-पुथल हो सकती है। इसका परिणाम यह हो सकता है कि लोग डायबिटीज़ के अनुकूल आहार न लें या समय से अपने ब्लड ग्लूकोज़ के स्तर की जांच न करें।

गर्मी के दौरान, विशेष रूप से जब लू चलती है, तो डायबिटीज़ से पीड़ित व्यक्तियों के शरीर में भी पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) की संभावना होती है, खास तौर पर यदि उनका ब्‍लड ग्लूकोज़ mका स्तर काफी अनियंत्रित हो। जब बात ब्लड शुगर स्तर को बनाए रखने की हो, तो सही संतुलन हासिल करने के लिए कुछ उपाय को ध्यान में रखना चाहिए जिसमें शामिल है लगातार ग्लूकोज़ की निगरानी (सीजीएम) करना ताकि दिनचर्या में कोई भी बदलाव डायबिटीज़ प्रबंधन में बाधा उत्पन्न न करे।”