कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने शेल इंडिया के सहयोग से एक ग्रीन स्किल्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य छात्रों एवं फैकल्टी को ग्रीन एनर्जी और ई-मोबिलिटी में भविष्य के लिए तैयार करना है। दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक के चुनिंदा ओद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) एवं राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में शेल के ट्रेनिंग पार्टनर एड्युनेट फाउन्डेशन द्वारा इस पहल को अंजाम दिया जाएगा। डीजीटी एवं शेल इंडिया की साझेदारी में यह ग्रीन स्किल प्रशिक्षण चुनिंदा एनएसटीआई और आईटीआई में संरचित बहु-स्तरीय मॉडल के ज़रिए दिया जाएगा। इस प्रोग्राम के पहले चरण में 4 एनएसटीआई में 240 घण्टे का अडवान्स्ड ईवी टेकनिशियन कोर्स, शेल के सहयोग से संचालित प्रयोगशाला से युक्त 12 आईटीआई में 90 घण्टे का जॉब-ओरिएन्टेड ईवी स्किल कोर्स तथा बिना फिज़िकल लैब वाले अतिरिक्त आईटीआई संस्थानों में 50 घण्टे का फाउन्डेशनल ग्रीन स्किल मोड्युल शामिल है। प्रोग्राम का पाठ्यक्रम शेल, एड्युनेट फाउन्डेशन एवं डीजीटी द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया है, जो ईवी सिस्टम, डायग्नॉस्टिक्स, बैटरी टेक्नोलॉजी, डिजिटल टूल्स एवं सुरक्षा प्रोटोकॉल्स को कवर करता है। इस पहल में 250 प्रशिक्षकों के लिए ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (टीओटी), शेल एवं डीजीटी द्वारा को-ब्राण्डेड सर्टिफिकेशन तथा प्लेसमेन्ट के लिए सहयोग शामिल है।
चुनिंदा आईटीआई एवं एनएसटीआई में विशिष्ट ईवी स्किल लैब्स की स्थापना इस पहल का मुख्य आकर्षण है। ये लैब्स इस तरह से डिज़ाइन की गई हैं कि ये विशेषज्ञों के नेतृत्व में आयोजित सत्रों के माध्यम से उम्मीदवारों को उद्योग जगत के मानकों के अनुरूप व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करती हैं। लैब के दायरे से बढ़कर यह प्रोग्राम सफल प्रतिभागियों को को-ब्रांडेड सर्टिफिकशन और प्लेसमेन्ट में सहयोग भी प्रदान करता है। इस तरह ग्रीन एनर्जी एवं ईवी सेक्टरों में युवाओं की रोज़गार क्षमता बढ़ती है। व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए देश के सर्वोच्च संगठन होने के नाते प्रशिक्षण महानिदेशालय इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस पहल के महत्व पर बात करते हुए श्री जयंत चौधरी, माननीय राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), एमएसडीई और राज्य शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘शेल इंडिया के साथ हमारी साझेदारी कौशल को स्थायित्व के अनुरूप बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी एवं बड़े पैमाने पर जलवायु नियन्त्रण न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण के लिए ज़रूरी हैं बल्कि इनोवेशन, प्रतिभा एवं उद्यमों के माध्यम से भारत के लिए अवसरों का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं। इस पहल के द्वारा हम युवाओं को नौकरियों के साथ-साथ जलवायु के लिए भी तैयार करना चाहते हैं। हम भारतीय युवाओं को ऐसा कौशल प्रदान करना चाहते हैं ताकि वे ग्लोबल ग्रीन इकोनोमी में योगदान दे सकें।’