टेंडर का फार्म वितरण को लेकर पंचायत में तोड़फोड़, घटना स्थल पर पहुंचीं पुलिस, तीन हिरासत में

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तृणमूल संचालित ग्राम पंचायत कार्यालय में ठेकेदारों के एक दल ने हमला कर दिया। सभी तृणमूल कर्मी ही बताएं गए हैं। बताया गया है कि उन्होंने पंचायत कार्यालय में तोड़फोड़ कर टेंडर के फार्म लूटपाट की कोशिश की। साथ ही पंचायत कर्मियों को गाली-गलौज की। ग्राम प्रधान पर हमला करने की कोशिश की गई। टेंडर के फार्म वितरण को लेकर मालदा के हरिश्चंद्र पुर थाना इलाके का दौलतपुर ग्राम पंचायत इलाका अशांत हो गया। आरोप है कि तृणमूल के दो में ही मारपीट हुई है। इस दौरान पंचायत कार्यालय में जमा कर तोड़-फोड़ की गई। घटना को इलाज में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है। मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है।

स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार शाम दौलतपुर पंचायत में टेंडर के फार्म वितरण की तिथि थी। इसी को लेकर पंचायत इलाके के कुछ ठेकेदार पंचायत कार्यालय पहुंचे थे। लेकिन प्रधान मुबारक हुसैन और ग्राम पंचायत सदस्यों ने उन्हें फार्म देने से साफ मना कर दिया और बाद पंचायत प्रधान और पंचायत के सदस्यों के साथ ठेकदारों की बहस शुरू हो गई। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो गई। इस दौरान पंचायत प्रधान के चेयर और टेबल तोड़ दिए गए। पंचायत के जरूरी दस्तावेजों को भी फाड़ दिया गया। घटना की सूचना पाकर मौके पर हरिश्चंद्र पुर थाना के आईसी संजय कुमार दास के नेतृत्व में पुलिस बल पहुंचा और मामले को शांत करा कर तीन लोगों हिरासत में ले लिया। हालांकि बाकी लोग फरार हो गए। बताया जाता है कि घटना के पीछे तृणमूल के दो गुट ही शामिल हैं। आरोप है कि पंचायत प्रधान मुबारक हुसैन और पूर्व प्रधान तोफाज्जल हुसैन के समर्थक ही पंचायत कार्यालय में एक-दूसरे से भिड़ गए और तोड़फोड़ की।

पंचायत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार शाम को पंचायत में टेंडर फार्म वितरण का पहला दिन था। पूर्व प्रधान तोफाज्जल हुसैन के समर्थक टेंडर फार्म लेने गए थे जिसमें वर्तमान प्रधान मुबारक हुसैन ने बाधा दी। इसके बाद ही दो गुटों के बीच झड़प शुरू हो गई और पंचायत कार्यालय में जमा कर तोड़-फोड़ की गई।
इधर पूर्व प्रधान तोफाज्जल हुसैन ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि प्रधान मुबारक हुसैन ने तृणमूल नेताओं को पैसा खिलाकर उन्हें प्रधान पद से हटवा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुबारक हुसैन जनता का पैसा लूट रहे हैं। अपने करीबी ठेकेदारों को टेंडर देने के लिए इलाके के अन्य ठेकेदारों को वह भगा दे रहे हैं। इसी का विरोध करने पर मारपीट की घटना हुई है। उन्होंने कहा कि वह जब प्रधान था तब राज्य सरकार की विभिन्न राज्यों का लाभ, लाभार्थियों तक पहुंचा देते थे लेकिन वर्तमान प्रधान कुछ भ्रष्ट तृणमूल नेताओं के साथ मिलकर जनकल्याण के पैसों की लूट कर रहे हैं। यही नहीं इलाके के विकास की योजनाओं को भी इन्होंने बंद कर दिया है। उन्होंने यह तय कर लिया है कि अपने लोगों को छोड़कर अन्य किसी को भी टेंडर नहीं देंगे और इसी का नतीजा है यह घटना।
इधर,

पंचायत प्रधान मुबारक हुसैन ने कहा कि पूर्व प्रधान का आरोप एकदम निराधार है। उनके गुट ने ही पंचायत कार्यालय में तोड़फोड़ व मारपीट की है। उन्होंने बताया कि वह पंचायत कार्यालय में बैठे थे और पंचायत कार्यालय में टेंडर का फार्म वितरण का दिन था। हमने तय किया था कि इलाके के सभी ठेकेदारों को एक साथ ही टेंडर फार्म देंगे। लेकिन पूर्व प्रधान तोफाज्जल हुसैन के उकसाने पर ही कुछ ठेकेदारों ने पंचायत में हंगामा शुरू कर दिया। मुझे और पंचायत के अन्य सदस्यों को मारा-पीटा और कार्यालय में तोड़फोड़ की। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर हमें बचाया। मामले को लेकर ब्लॉक तृणमूल नेतृत्व ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
इधर घटना को लेकर भाजपा नेता भी मुखर हो गए। इलाके के भाजपा नेतृत्व ने दावा किया कि कटमनी लेते-लेते तृणमूल भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई है। लोगों की कल्याण कारी योजनाओं का रुपया भी हजम कर जा रहे हैं। इसी कारण अब तृणमूल के दो गुट ही आपस में भिड़ गए। यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि यही तृणमूल की संस्कृति है।