अस्पताल के अस्थाई कर्मियों ने सुपर को मध्य रात तक कार्यालय में रखा नजरबंद, काम पर वापस लेने की मांग की

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अस्थाई कर्मियों को फिर से काम पर‌ वापस लेने की मांग पर बुधवार मध्य रात तक मालदा मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल डॉ पुरंजय साहा को  उनके कार्यकाल में ही उन्हें नजरबंद रखा। घटना की खबर पाकर इंग्लिश बाजार थाने की पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन पुलिस के सामने भी अस्थायी कर्मियों ने जमकर प्रदर्शन किया। करीब 135 अस्थाई कर्मी प्रदर्शन में शामिल हुए थे। प्रदर्शन कर रहे अस्थाई कर्मियों का आरोप है कि राज्य स्वास्थ्य दफ्तर द्वारा मेडिकल कॉलेज के अस्थाई कर्मियों को फिर काम पर वापस लेने के निर्देश के बावजूद अस्पताल प्रबंधन चुप बैठा हुआ है। काफी दिनों बेरोजगार रहने के कारण उनकी माली हालत खराब हो चुकी है। क्यों उन्हें फिर से काम पर नहीं दिया जा रहा है, उन्होंने इसका जवाब मांगा। इसके बाद ही उन्होंने वाइस प्रिंसिपल को उनके कार्यकाल में नजरबंद कर दिया।
उनका कहना है कि पूजा के पहले ही उनकी छंटनी की नोटिस जारी कर दी गई थी। इसके बाद लगातार छह महीनों तक उन्होंने धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद राज्य स्वास्थ्य दफ्तर ने सभी 135 अस्थाई कर्मियों को फिर से काम पर वापस लेने का निर्देश जारी किया। निर्देश को मिले दो माह बीत चुके हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने अब तक चुप्पी साध रखी है।


प्रदर्शन कर रही एक महिलाकर्मी ने बताया कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें फिर से काम पर वापस लेने का निर्देश जारी किया है लेकिन अस्पताल प्रबंधन चुप्पी साधे हुए है। जिस कारण हमारी माली बेहद खराब हो चुकी है। जिसे लेकर अस्थाई कर्मी बड़े गुस्से में हैं। कब उन्हें काम पर वापस लिया जायेगा, इसी मांग पर उन्होंने वाइस प्रिंसिपल को उनके कार्यकाल में नजरबंद कर रखा था। हालांकि बाद में पुलिस के आश्वासन के बाद जरूर हमनें प्रदर्शन समाप्त कर‌ लिया। लेकिन अगर हमें काम पर वापस नहीं लिया गया तो वृहद अांदोलन करेंगे।
इधर मामले को ‌लेकर वाइस प्रिंसिपल डाक्टर पुरंजय साहा ने बताया कि अस्थाई कर्मियों की पुनर्बहाली की प्रक्रिया जारीकर्ताओं है। इसके अलावा और कुछ नहीं कह सकता।