महिषबाथन ग्राम पंचायत में पक्के पुल के निर्माण की मांग

124

वामपंथी दौर से नेताओं ने महिषबथान ग्राम पंचायत में महानंदा नदी पर पक्का पुल बनाने का वादा किया था| लेकिन दशकों बाद भी ओल्ड  मालदा थाने के महिषबथान ग्राम पंचायत क्षेत्र में महानंदा नदी पर बने बांस और चटाई से बने अस्थायी पुल से हजारों की संख्या में स्थानीयवासियों को खतरनाक तरीके से आवागमन करना पड़ता है|  हालांकि, पंचायत अधिकारी समय-समय पर अस्थायी पुल का रखरखाव कर रहे हैं। लेकिन बरसात के मौसम में नदी के पानी में पुल खतरनाक हो जाता है। तब महिषबथानी ग्राम पंचायत के एक से अधिक गांवों के निवासी उस अस्थायी पुल से यात्रा नहीं कर सकते हैं। नदी के अलावा कई लोगों को ओल्ड मालदा का  चक्कर लगाकर आना पड़ता है। ऐसे में स्थानीय निवासियों ने क्षेत्र में पक्के पुल की मांग की | 

उनके अनुसार महिषबथान से पुराने शहर मालदा तक का अस्थाई पुल स्थायी रूप से बन जाने से ओल्ड मालदा, गाजोल और रतुआ प्रखंडों की संचार व्यवस्था में सुधार किया जायेगा |   संबंधित ग्राम पंचायत के उप प्रमुख शराफत अली ने बताया कि पुल निर्माण को लेकर पूर्व में भी कई लोगों ने कई वादे किए हैं| लेकिन पक्का पुल नहीं था। पक्के पुल की जरूरत है। अगर पुल बन जाता है तो तीनों ब्लॉकों के संचार माध्यम में काफी सुधार होगा। इसलिए पंचायत द्वारा संबंधित क्षेत्र में पक्के पुल के निर्माण की लिखित सूचना सिंचाई विभाग को दे दी|  बांस और चटाई से बना यह अस्थाई पुल ओल्ड  मालदा की महिषाबथानी ग्राम पंचायत के बलरामपुर से दूसरी ओर पुराने शहर मालदा तक की यात्रा के लिए महानंदा नदी में है|  इस ब्रिज का इस्तेमाल रोजाना हजारों लोग करते हैं। आम लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर इस अस्थायी पुल से साइकिल या मोटरबाइक से गुजरना पड़ता है। स्कूल-कॉलेज के छात्र भी हैं। वे नियमित रूप से यात्रा भी करते हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक हम लंबे समय से इस क्षेत्र में पक्के पुल के निर्माण की मांग कर रहे हैं|

यदि इस क्षेत्र में पुल बन जाता है तो संचार व्यवस्था में और सुधार होगा। इसलिए हम चाहते हैं कि प्रशासन मामले को गंभीरता से ले। ओल्ड मालदा पंचायत समिति की अध्यक्ष मृणालिनी मंडल मैती ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर मालदा में एक के बाद एक कई पुल बनाए गए हैं| महिषबथानी ग्राम पंचायत के बलरामपुर क्षेत्र में पक्के पुल की निवासियों की मांग को भी गंभीरता से लिया जा रहा है|  उम्मीद है कि राज्य सरकार इस संबंध में भी आवश्यक कदम उठाएगी|