चक्रवात ‘जवाद’ के ओडिशा-आंध्र प्रदेश के समुद्र तटों की ओर बढ़ने के बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने हजारों लोगों को तटीय क्षेत्रों से हटाकर सुरक्षित ठीकानों पर पहुंचाया है।
दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में प्रशासन ने तटीय क्षेत्रों से लगभग 31 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, जबकि मछुआरे अपनी नौकाओं के साथ काकद्वीप, दीघा, शंकरपुर और अन्य तटीय क्षेत्रों में वापस आ गए हैं।
शनिवार को दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में सुबह से ही बारिश हो रही है। मौसम कार्यालय ने कहा कि महानगर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिमी मेदिनीपुर, झारग्राम, हावड़ा और हुगली जिलों में भी कई स्थानों पर सुबह से ही हल्की बारिश हो रही है।
मौसम विज्ञान विभाग ने एक एक बुलेटिन में कहा, ‘‘जवाद पिछले छह घंटों में धीरे-धीरे चार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर दिशा की तरफ बढ़ा है और यह सुबह पांच बजकर 30 मिनट पर आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के 230 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व, ओडिशा के गोपालपुर के 340 किलोमीटर दक्षिण में, पुरी (ओडिशा) के 410 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में तथा पारादीप (ओडिशा) के 490 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में केंद्रित था।’’
मौसम विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, “चक्रवात के उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तक पहुंचने तथा इसके बाद उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर इसके फिर से बढ़ने, पांच दिसंबर को लगभग दोपहर के समय ओडिशा तट पर इसके पुरी के पास पहुंचने और धीरे-धीरे कमजोर होने की संभावना है। “उन्होंने कहा कि हालांकि, चक्रवात कमजोर होकर पुरी तट पर पहुंचने तक गहरे दबाव में बदल सकता है।
बचाव दल पर्यटकों और स्थानीय लोगों से दीघा, शंकरपुर, ताजपुर और बक्खाली में समुद्र तटों को खाली करने के लिए कहते हुए देखे गए। चक्रवात के मद्देनजर राज्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की कुल 19 टीम तैनात की गई हैं।
मौसम विभाग ने कोलकाता, पूर्व और पश्चिमी मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, झारग्राम, हुगली और हावड़ा जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। इसने कहा कि उत्तर और दक्षिण 24 परगना, नदिया और मुर्शिदाबाद जिलों में भी सोमवार को भी भारी बारिश होने की संभावना है।