कमिंस इंडिया अपने कर्मचारियों के लिए लिंग पुनर्निर्धारण सर्जरी (जीआरएस) का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है

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कमिन्स इंडिया, देश की अग्र पावर सोलूशन्स टेक्नोलॉजी प्रदाता कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए जेंडर रीअसाइनमेंट सर्जरी (जीआरएस) के समर्थन की घोषणा की। कमिन्स जीआरएस प्रोग्राम के माध्यम से, जिन कर्मचारियों ने अपनी खुद की पहचान करने वाले लिंग में परिवर्तन करने का निर्णय लिया है, उन्हें उनकी सर्जरी के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। दुनिया भर में प्राइड मंथ मनाए जाने के बीच कमिन्स इंडिया एकजुटता, आत्म-अभिव्यक्ति और समानता के मूल्यों को अपनाते हुए एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के समर्थन के लिए एक मजबूत स्तम्भ के रूप में खड़ा है। कमिंस इंडिया की एचआर लीडर अनुपमा कौल ने इस बारे में घोषणा करते हुए कहा, “एक सदी से भी अधिक समय से, कमिंस ने विविधता और समावेशन को एक बुनियादी मूल्य के रूप में अपनाया है, जिसका उद्देश्य हमारे विविधता का जश्न मनाना और एक दूसरे को सशक्त करना है। हमारा जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी (जीआरएस) प्रोग्राम उन लोगों के लिए बाधाओं को तोड़ने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता के लिए एक मिसाल के रूप में काम करता है, जिन्हें एलजीबीटीक्यू+ समुदाय सहित ऐतिहासिक रूप से अवसर तक पहुंच से वंचित रखा गया है।

हमारा इंडिया प्राइड एम्प्लॉई रिसोर्स ग्रुप एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के अधिकारों और भलाई की वकालत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही एक सुरक्षित, समान और समावेशी कार्य वातावरण को बढ़ावा देता है, जहां उन्हें न केवल महत्व दिया जाता है, बल्कि उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए प्रेरित और सशक्त भी किया जाता है। कमिंस इंडिया समय-समय पर कंपनी की विविधता, इक्विटी और समावेशन (डीईआई) ढांचे के साथ संरेखित करने के लिए अपनी नीतियों का आकलन करता है जो एक प्रगतिशील संस्कृति को बढ़ावा देता है।संगठन ने हाल ही में आपूर्तिकर्ताओं, और अनुबंध कर्मचारियों सहित सभी कमिंस इंडिया कर्मचारियों के लिए अपनी जेंडर न्यूट्रल ड्रेस कोड नीति की घोषणा की। संशोधित नीति एक समावेशी ड्रेस कोड दिशानिर्देश सुनिश्चित करती है जो सभी लिंगों, बाइनरी और नॉन-बाइनरी दोनों को संबोधित करती है।

इसके अतिरिक्त, संगठन ने सभी लिंगों के कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक वातावरण बनाते हुए, अपनी सुविधाओं में जेंडर न्यूट्रल वॉशरूम बनाए हैं। एक ऐसा संगठन होने के नाते जो एलजीबीटीक्यू+ विविधता, इक्विटी और समावेशन की वकालत करता है, ये नीतियां और पहल लैंगिक रूढ़िवादिता को आगे बढ़ाए जाने के खिलाफ सचेत रूप से बचने के लिए इसके समर्पण का उदाहरण हैं।