पावर सॉल्यूशंस टेक्नोलॉजी प्रोव्हायड करने वाली देश की प्रमुख कंपनियों में से एक, कमिन्स इंडिया ने आज अपनी फ्लैगशिप बी-स्कूल केस स्टडी कॉम्पीटिशन – रीडिफाइन 2023 के विजेताओं की घोषणा कर दी है। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM), मुंबई की टीम विज़न इस प्रतियोगिता की विजेता बनी और उसे प्रतिष्ठित ट्रॉफी तथा नगद पुरस्कार दिया गया। एस पी जैन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड रिसर्च, मुंबई की टीम कमबैक को रनर-अप का पुरस्कार मिला। दोनों विजेता टीमें कमिन्स इंडिया लीडरशिप के साथ एक समृद्ध मेंटरशिप प्रोग्राम में एनरोल भी होंगी।
वार्षिक प्रतियोगिता के इस वर्ष के संस्करण की थीम ‘अनलॉकिंग द पावर ऑफ डिजिटलाइज़ेशन इन द आफ्टरमार्केट’ थी, जिसमें कि 938 टीमों के 3752 विद्यार्थियों ने भाग लिया। यह विद्यार्थी देश के 18 प्रमुख बी-स्कूलों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। मूल्यांकन के कठोर चरणों के बाद छह फाइनलिस्ट टीमों को चुनकर पुणे भेजा गया, जहाँ उन्होंने दो दिवसीय ग्रैण्ड फिनाले में भाग लिया। इस इवेंट में लीडरशिप से शिक्षाप्रद वार्तालाप और नेटवर्किंग के अवसर थे । साथ ही कमिन्स टेक्निकल सेंटर इंडिया और कोथरुड इंजन प्लांट के खास टूर भी हुए। इवेंट का समापन कमिन्स इंडिया ऑफिस कैम्पस (आईओसी) में ज्यूरी द्वारा मूल्यांकन के राउंड से हुआ। ग्रैण्ड फिनाले में फाइनलिस्ट्स ने कमिन्स इंडिया के ज्यूरी सदस्यों के एक पैनल के सामने अपने समाधान प्रस्तुत किये, जिसमें ह्यूमन रिसोर्सेस लीडर अनुपमा कौल, स्ट्रैटेजी लीडर सुब्रमण्यिन चिदंबरन और डिस्ट्रिब्यूशन बिज़नेस यूनिट एण्ड न्यू एण्ड रेकॉन पार्ट्स ऑर्गेनाइजेशन के वाइस प्रेसिडेंट, विवेक मालापति, शामिल थे। इवेंट में कंपनी के वरिष्ठ लीडर्स और कर्मचारी भी मौजूद थे।
इस अवसर पर बात करते हुए, अनुपमा कौल, एचआर लीडर, कमिन्स इंडिया ने कहा, “मैं सभी विजेताओं, फाइनलिस्ट्स और प्रतिभागियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिये बधाई देती हूं, जिन्होंने एक बार फिर रीडिफाइन को लगातार सातवें साल ज़बर्दस्त कामयाबी दिलाई है। रीडिफाइन को इसलिये डिज़ाइन किया गया है, ताकि विद्यार्थियों को वास्तविक संसार की व्यवसायिक चुनौतियाँ रचनात्मकता एवं आगे की सोच रखने वाले समाधानों के साथ हल करने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके। यह वार्षिक प्रतियोगिता कमिन्स इंडिया द्वारा युवाओं को बढ़ावा देने और उनमें ग्रोथ माइंडसेट जगाने के समृद्ध इतिहास का प्रमाण है। ज्यूरी सदस्य के तौर पर मुझे वह बेजोड़ प्रतिभा और कौशल देखने का सौभाग्य मिला, जो उभरती युवा प्रतिभाओं ने प्रस्तुत की। प्रतिभागी टीमों द्वारा प्रस्तुत आधुनिक समाधान और रचनात्मक अंतर्दृष्टियाँ उत्तम दर्जे की थीं। इससे संभावित लीडरों की असीम क्षमता एवं योग्यताओं में हमारा यकीन और भी मजबूत हुआ है।’’