देश के 51 पीठों में से एक जलपाईगुड़ी के सतकुरा का त्रिस्रोत शक्ति महापीठ है। जलपाईगुड़ी के बोडा मंडल के सालबाढ़ी ग्राम स्थित त्रिस्रोत स्थान पर माता का बायां पैर गिरा था। इसकी शक्ति है भ्रामरी और शिव को अंबर और भैरवेश्वर कहते हैं।
भ्रामरी को मधुमक्खियों की देवी के रूप में जाना जाता है। देवी महात्म्य में उनका उल्लेख मिलता है।बांग्लादेश की सीमा पर सतकुरा में त्रिस्रोत शक्ति महापीठ में हिंदू और मुस्लिम सहित सभी वर्गों की सामान आस्था है। हर साल चैत्र माह के आठवें दिन जलपाईगुड़ी सदर ब्लॉक के सतकुरा के त्रिस्रोता महापीठ में बसंती पूजा के अवसर पर मिलन मेला का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव के कारण मेले में देर से शुरू हुई।
यह मेला 21 अप्रैल को शुरू हुआ है जो 7 दिनों तक चलेगा। यह मेला हिन्दू- मुस्लिम एकता का मिशाल है। मेले में खूब भीड़ उमड़ रही है। मेले में रात 10 बजे तक भीड़ रहती है। त्रिस्रोता महापीठ मंदिर के महासचिव हरिश्चंद्र रायर ने बताया कि यह मेला अपने 20 वें वर्ष में है। मेला समिति के एक सदस्य मोहम्मद ज़ुलु मंडल ने कहा, ‘हिंदू और मुस्लिम समेत सभी वर्गों के लोग मिलकर मेले का आयोजन कर रहे हैं।’ उत्तर बंगाल के विभिन्न हिस्सों से लोग एकत्र होते हैं। इसके अलावा बांग्लादेश सीमा क्षेत्र से ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ जवानों ने मेले में आकर त्रिस्रोता मां की पूजा करते है।