कॉयर और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कॉयर बोर्ड ने ज्योतिचित्रबन कहिलीपारा गुवाहाटी में 4 दिवसीय एक्सपो का आयोजन किया है। एक्सपो 23 मार्च को शुरू हुआ और 26 मार्च को समाप्त होगा। उद्घाटन माननीय श्री डी कुप्पुरम जी (अध्यक्ष कॉयर बोर्ड) और माननीय लक्ष्मण एस, आईएएस (सचिव, उद्योग मंत्री, असम सरकार) की उपस्थिति में हुआ।
कयर उद्योग अधिनियम, 1953 के तहत भारत सरकार द्वारा कयर बोर्ड की स्थापना की गई थी। कयर उद्योग अधिनियम बोर्ड को वैज्ञानिक, तकनीकी और आर्थिक अनुसंधान, आधुनिकीकरण, गुणवत्ता सुधार, मानव संसाधन विकास, बाजार को बढ़ावा देने और उद्योग में लगे हुए सभी लोगों के कल्याण के लिए अनिवार्य करता है। यह विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाता है, जैसे अनुसंधान और विकास गतिविधियां, प्रशिक्षण कार्यक्रम, कॉयर इकाइयों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता, घरेलू और साथ ही निर्यात बाजार का विकास, और श्रमिकों के लिए कल्याणकारी उपाय। भारत में कॉयर उद्योग में 7 लाख कर्मचारी काम करते हैं, मुख्य रूप से महिलाएं, और ग्रामीण महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
देश में 1570 पंजीकृत कॉयर निर्यातक हैं और वर्ष 2020-21 के दौरान भारत से कॉयर और कॉयर उत्पादों का निर्यात 3778.98 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक रिकॉर्ड दर्ज किया गया। कॉयर उत्पाद प्रकृति में पर्यावरण के अनुकूल हैं और पर्यावरण और वन मंत्रालय सरकार द्वारा “इको मार्क” प्रमाणन प्राप्त किया है। भारत का, पर्यावरण को बचाने और ग्लोबल वार्मिंग को उलटने में मदद करना।