आज सुबह चेन्नई के महाबलीपुरम में होने वाले ४४वें शतरंज ओलंपियाड की टॉर्च रन पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में हुई। पश्चिम बंगाल विधान सभा के सदस्य डॉ. शंकर घोष ने प्रसिद्ध सालुगाड़ा मठ में मशाल प्राप्त की और इसे ग्रैंड मास्टर मित्रभा गुहा को सौंप दिया। इस अवसर पर मित्रभा गुहा ने आगामी खिलाड़ियों के लिए एक साथ प्रदर्शन किया और एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। ओलंपियाड टॉर्च के लिए अगला गंतव्य गंगटोक, सिक्किम है जहां एक और भव्य समारोह देर शाम निर्धारित है।
कल शाम, स्पोर्ट्स ऑथिरिटी ऑफ इंडिया, (साई) कोलकाता में चेस ओलंपियाड टॉर्च की लौ कोलकाता, पश्चिम बंगाल पहुंची। ग्रैंड मास्टर सप्तर्षि रौचौधरी ने पश्चिम बंगाल के माननीय राज्यपाल श्री जगदीप धनखड़ को टॉर्च सौंपी, जहां ग्रैंडमास्टर मित्रभा गुहा ने अगवानी की और टॉर्च को आगे बढ़ाया। पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद, भारत के पहले जीएम, पहले गौरवशाली टॉर्च वाहक थे, उन्होंने १९ जून को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में पीएम नरेंद्र मोदी से इसे स्वीकार किया और फिर इसे २० जून को लाल किले में जीएम दिब्येंदु बरुआ को दिया।
तब से टॉर्च रिले ने पूरे उत्तर भारत, मध्य भारत के कुछ हिस्सों को पार किया है और पूर्व की ओर बढ़ रहा है। चेस ओलंपियाड की शुरुआत से ठीक पहले महाबलीपुरम, चेन्नई में समापन से पहले ओलंपियाड की लौ ७५ शहरों का दौरा करेगी। भारत २८ जुलाई से १० अगस्त तक ४४वें चेस ओलंपियाड की मेजबानी कर रहा है, जिसमें रिकॉर्ड १८७ देश भाग ले रहे हैं, जो चेस ओलंपियाड के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक है।