क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, Chandigarh Group of Colleges, Jhanjeri ने आधिकारिक रूप से CGC University, Mohali के रूप में अपने रूपांतरण की घोषणा की। यह घोषणा JW Marriot, Chandigarh में एक प्रभावशाली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई, जो संस्था की 25 वर्षों से अधिक की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाती है। एक कॉलेज से एक टेक-ड्रिवन, स्वायत्त विश्वविद्यालय बनने तक का यह सफर भविष्य की पीढ़ी को आकार देने की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहा है। यह परिवर्तन उद्योग-एकीकृत शिक्षा की दिशा में एक साहसी रणनीतिक पहल है। CGC University, Mohali का लक्ष्य भारत को AI-आधारित विकास, टेक-प्रथम लर्निंग और नवाचार का नया केंद्र बनाना है। मौजूदा समय में 90% से अधिक ग्रेजुएट्स उभरते क्षेत्रों में नौकरी के योग्य नहीं माने जाते हैं, इसको ध्यान में रखते हुए संस्थान का पाठ्यक्रम लाइव इंडस्ट्री एक्सपोज़र और कॉर्पोरेट्स के साथ मिलकर बनाए गए सर्टिफिकेशन पर आधारित है। यहां 50:50 शिक्षा मॉडल लागू है, जिसमें फैकल्टी और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स समान रूप से छात्रों को प्रशिक्षित करते हैं। इसका उद्देश्य सिर्फ रोजगार नहीं, बल्कि भविष्य के डिजिटल युग में नेतृत्व के लिए छात्रों को तैयार करना है।
इस परिवर्तन के केंद्र में हैं S. Rashpal Singh Dhaliwal, जो एक समर्पित समाजसेवी और समान अवसरों के प्रबल समर्थक हैं। उन्होंने कहा, “यह विश्वविद्यालय समाज के प्रति मेरी प्रतिबद्धता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा केवल कुछ विशेष लोगों का विशेषाधिकार नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह हर व्यक्ति का अधिकार है। CGC University, Mohali इसी वादे पर आधारित है कि हर छात्र, चाहे उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, उसे सीखने, बढ़ने और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिले।” Mr. Arsh Dhaliwal, Managing Director, CGC University, Mohali, ने इस शैक्षणिक क्रांति का नेतृत्व करते हुए कहा कि अमेरिकी शिक्षा प्रणाली से मिली प्रेरणा ने उन्हें इंडस्ट्री और एकेडेमिया के बीच गहरा तालमेल विकसित करने की सोच दी। उन्होंने CGC University, Mohali को भारत का पहला “Industry-Integrated Learning Capital” के रूप में स्थापित करने की परिकल्पना की। उन्होंने कहा, “हम भविष्य उन्मुख, टेक-एनेबल्ड पाठ्यक्रम बना रहे हैं जो नवाचार, उद्योग और रोजगार की भाषा बोलता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि छात्रों को पढ़ाई के साथ ही स्टाइपेंड आधारित इंटर्नशिप का अवसर मिलेगा, जिसकी न्यूनतम राशि ₹75,000 से ₹1,00,000 तक होगी — जिससे वे पढ़ाई के दौरान ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। Dr. Sushil Prashar, Executive Director, DCPD, ने 50:50 लर्निंग मॉडल की जानकारी देते हुए बताया कि आधी पढ़ाई अनुभवी उद्योगपति, CEOs और Entrepreneurs द्वारा कराई जाएगी, जबकि शेष आधी फैकल्टी द्वारा। उन्होंने कहा, “हम इंडस्ट्री को कैंपस में ला रहे हैं। हमारे छात्र सिर्फ किताबों से नहीं, बल्कि बोर्डरूम, लाइव प्रोजेक्ट्स और केस स्टडीज़ से सीखेंगे। इसी तरह हम भविष्य के लीडर्स और सॉल्वर तैयार करेंगे।”
