हर साल दुनिया भर में कार्डियोवैस्कुलर रोगों एवं इसके प्रभाव के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए विश्व हृदय दिवस 29 सितम्बर को मनाया जाता है। हाल ही में प्रकाशित एक समीक्षा लेख के मुुताबिक भारत में कार्डियोवैस्कुलर रोगों के कारण मृत्यु दर (282 मौतें/ 100,000) शेष दुनिया (233 मौतें/ 100,000) की तुलना में अधिक है। इसी तरह भारत में कार्डियोवैस्कुलर रोगों के कारण अपंगता की दर विश्वस्तरीय औसत की तुलना में 1.3 गुना अधिक है। भारतीयों में कार्डियोवैस्कुलर रोग पश्चिमी आबादी की तुलना में जल्दी हो जाते हैं। इस साल विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम है ‘यूज़ हार्ट नो हार्ट’ इसके साथ इमोजी के रूप में दिल बना गया है। यह कैंपेन हमें हमारे दिल को जानने के लिए प्रेरित करता है। कुछ साल भारत में जारी एक सर्वे रिपोर्ट ने दिल के स्वास्थ्य के लिए कुछ संकेतकों के सुझाव दिए जिसमें शामिल हैं, धूम्रपान न करना, दिन में 5 या अधिक बार फलों और सब्ज़ियों को सेवन करना, अधिक मात्रा में शारीरिक व्यायाम करना, बॉडी मास इंडैक्स (बीएमआई को 25 किलोग्राम/एम2 से कम रखना, ब्लड प्रेशर 120/80 से कम रखना, फास्टिंग प्लाज़्मा ग्लुकोज़ 100 उहध्कस से कम रखना तथा कुल कॉलेस्ट्रॉल 200 उहध्कस से कम रखना शामिल है। जर्नल ऑफ अमेरिकल हार्ट एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक सेहतमंद आहार के साथ रोज़ाना 42 ग्राम बादाम खाने से दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। स्नैक्स के रूप में बादाम का सेवन करने से कमर और पेट पर जमा फैट कम होता है, जो दिल की बीमारियों का मुख्य कारण है। आज भारत में दिल की बीमारियां (कार्डियोवैस्कुलर रोग) गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है, उचित आहार एवं जीवनशली में बदलाव लाकर दिल की बीमारियों की संभावना को कम किया जा सकता है। इस दिशा में पहला कदम है खाने के सही विकल्प चुनना। अपने और अपने परिवार के आहार में रोज़ाना मुट्ठी भर बादाम शामिल करें। बादाम में ढेरों पोषक तत्व होते हैं, ऐसे में ये स्नैक्स का अच्छा विकल्प हैं और दिल की बीमारियों की संभावना को भी कम करते हैं। बादाम का सेवन करने से एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल कम होता है और एचडीएल कॉलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार होता है। रोज़मर्रा के सेहतमंद आहार में बादाम को शामिल करने से दिल को नुकसान पहुंचाने वाले इन्फलामेशन की संभावना कम हो जाती है।
दिल के लिए सेहतमंद जीवनशैली के महत्व पर बात करते हुए लोकप्रिय बॉलीवुड अभिनेत्री सोहा अली खान ने बताया, ‘‘मेरा मानना है कि जीवनशैली में बदलाव लाकर आप अपने दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मैं हमेशा संतुलित और पोषक आहार का सेवन करती हूं। प्रोसेस्ड फूड कम खाती हूं। मैं हमेशा ऐसा खाना पसंद करती हूं जो दिल के सेहत के लिए फायदेमंद हो। मैं रोज़ाना वर्कआउट से पहले/ बाद में बादाम ज़रूर खाती हूं। जब भी मैं बाहर जाती हूं, मेरे साथ बादाम का बॉक्स ज़रूर होता है। क्योंकि आप इन्हें आसानी से अपने साथ ले जा सकते हैं और इनमें सभी ज़रूरी पोषक तत्व जैसे विटामिन ई, मैग्निशियम, प्रोटीन, राइबोफ्लेविन, ज़िंक आदि होते हैं। मैं रोज़ाना कम से कम 30 मिनट के लिए मध्यम से गहन शारीरिक व्यायाम भी करती हूं। जब मैं घर पर वर्कआउट करती हूं, मेरी बेटी इनाया भी मेरे साथ एक्सरसाइज करने लगती है!’’
दिल की सेहत और विश्व हृदय दिवस के महत्व पर बात करते हुए डॉ रोहिणी पाटिल, एमबीबीएस एवं पोषण विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘यह मिथक है कि दिल की बीमारियां ज़्यादातर पुरूषों को होती हैं, भारत में आज दिल की बीमारियां महिलाओं में भी मृत्यु का मुख्य कारण बन चुकी हैं, जहां महिलाओं की मौतों के 18 फीसदी मामलों का कारण दिल की बीमारियां ही होती हैं। इसके कई मुख्य कारण हैं जैसे हाई ब्लड प्रेशर, कॉलेस्ट्रॉल अधिक होना, डायबिटीज़, मोटापा, शराब का सेवन बहुत अधिक मात्रा में करना और धूम्रपान। दिल के लिए सेहतमंद आहार के सेवन, नियमित व्यायाम, धूम्रपान न करने, वज़न को नियन्त्रित रखने, तनाव प्रबन्धन और डायबिटीज़ के नियन्त्रण के द्वारा दिल की बीमारियों की संभावना को कम किया जा सकता है। कुछ क्लिनिकल ट्रायल्स में पाया गया है कि बादाम के सेवन से एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल कम होता है, जिससे कोरोनरी दिल के रोगों की संभावना कम हो जाती है। भारतीय पोषण विशेषज्ञों एवं फिज़िशियनों के पैनल द्वारा की गई समीक्षा के अनुसार रोज़ाना के सेहतमंद आहार में बादाम को शामिल करने से डिसलिपिडिया की संभावना कम हो जाती है जो भारतीयों में कार्डियोवैस्कुलर रोगों का मुख्य कारण है। ’’