पश्चिम बंगाल में हुई चुनावी हिंसा मामले में सीबीआई ने गुरुवार को स्यालदाह की एक कोर्ट में 20 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया। यह केस भाजपा नेता अभिजीत सरकार की हत्या से संबंधित है। आरोपियों के खिलाफ हत्या और अन्य धाराओं में आरोप लगाए गए हैं।
दो मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा नेता अभिजीत की हत्या कर दी गई थी। उनके भाई विश्वजीत सरकार ने तृणमूल समर्थकों पर हत्या का आरोप लगाया था। कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर बंगाल में हुई चुनाव बाद हिंसा के मामलों की जांच सीबीआई कर रही है। अब तक 40 से ज्यादा एफआइआर दर्ज की जा चुकी है। सीबीआई जांच के आदेश को ममता बनर्जी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। राज्य सरकार की याचिका अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
जांच के लिए अभिजीत सरकार के शव का अंतिम संस्कार करने की अनुमति नहीं दी गई थी। शव मिलने के बाद परिवार ने सवाल किया कि क्या शव अभिजीत का है। उनका आरोप था कि सबूत मिटाने के प्रयास में शव को हटाया गया होगा। फिर मृतक के शरीर का डीएनए टेस्ट का आदेश दिया था। लेकिन जब से उच्च न्यायालय ने चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया, डीएनए रिपोर्ट सीबीआइ को सौंप दी गई थी। बाद में अदालत के निर्देश पर मृतक का शव सौंपा गया था। कांकुड़गाछी में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में नारकेलडांगा थाने की उपनिरीक्षक रत्ना सरकार से सीबीआइ ने पूछताछ की थी। इस मामले में कोर्ट ने सभी पक्षों से हलफनामा तलब किया है।