festival

एनएमबीए वाशी ने शांति थीम पर आधारित दुर्गा पूजा 2024 में परंपरा और स्थिरता को एकीकृत किया

एनएमबीए वाशी ने शांति थीम पर आधारित दुर्गा पूजा 2024 में परंपरा और स्थिरता को एकीकृत किया

नवी मुंबई बंगाली एसोसिएशन (एनएमबीए) वाशी 9-13 अक्टूबर, 2024 को अपनी 45वीं दुर्गा पूजा मनाने जा रहा है, जिसमें परंपरा और स्थिरता के लिए अभिनव दृष्टिकोण प्रदर्शित करते हुए "शांति" की थीम को अपनाया जाएगा। मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में सबसे बड़े दुर्गा पूजा उत्सव के रूप में पहचाने जाने वाले इस वर्ष के कार्यक्रम में सांस्कृतिक समृद्धि और पर्यावरण के प्रति जागरूक प्रथाओं का मिश्रण होने का वादा किया गया है। एनएमबीए के सदस्य आशिम दे ने समुदाय के भीतर एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने में इस वर्ष की थीम के महत्व पर जोर दिया।पूरी तरह से सफ़ेद…
Read More
श्रावणी मेले में वीआईपी दर्शन पर रोक

श्रावणी मेले में वीआईपी दर्शन पर रोक

देवधर , राजकीय श्रावणी मेला के दौरान अस्थायी छत वाले वाहन और वीआईपी दर्शन पर रोक रहेगी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिकोण से यह निर्णय झारखंड- बिहार के अधिकारियों की समन्वय बैठक में लिया गया। झारखंड-बिहार इंटरस्टेट को-ओर्डिनेशन की बैठक सोमवार को देवघर परिसदन में हुई। संतालपरगना आयुक्त लालचंद डाडेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा हुई ताकि सुल्तानगंज से देवघर और बासुकीनाथ तक श्रद्धालुओं को सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। कांवरिया मार्ग में पड़ने वाले सभी जिलों में समन्वय स्थापित्त कर व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने का फैसला हुआ। बैठक में देवघर डीसी विशाल…
Read More
आधुनिकता युग में हम भूलते जा रहे हैं अपनी  परम्परा, संस्कृति और संस्कार, खोगीर के कलम की सरस्वती पूजा में कम होता जा रहा है प्रयोग, नहीं जानते है इसके विषय में कई विद्यार्थी

आधुनिकता युग में हम भूलते जा रहे हैं अपनी  परम्परा, संस्कृति और संस्कार, खोगीर के कलम की सरस्वती पूजा में कम होता जा रहा है प्रयोग, नहीं जानते है इसके विषय में कई विद्यार्थी

वर्तमान परिदृश्य में हम लोग अपने पुराणी परम्परा,  संस्कृति और संस्कारों को दिन-प्रतिदिन पीछे छोड़कर आगे आधुनिकता की अंधी दौड़ में शामिल होते जा रहे है। संस्कृति-संस्कार ऐसे अभिन्न अंग हैं जिनसे समाज तय होता है, लेकिन धीरे-धीरे हम इससे दूर होते जा रहे है, सरस्वती पूजा में  पहले कंडे की कमल के बिना पूजा नहीं होती थी, कंडे की कलम को खोगीर कलम का कलम भी कहते है।   यह सरस्वती पूजा की सामग्रियों में से एक है। लेकिन  खोगीर कलम शहर के बाजार में मिलना से दुर्लभ होता जा रहा है। विकल्प के तौर पर स्ट्रॉ या थर्मोकपल पेन बाजार में आ गए हैं। अगर आपको उस…
Read More
अयोध्या के साथ कूचबिहार में भी हुई श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, केंद्रीय राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक थे उपस्थित

अयोध्या के साथ कूचबिहार में भी हुई श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, केंद्रीय राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक थे उपस्थित

एक ओर जहां आज अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई और नवनिर्मित राम मंदिर में श्री राम विराजमान हो गए, वहीं कूचबिहार जिले के टेंगनमारी इलाके में भी राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह विभाग के राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक उपस्थित थे।गौरतलब है कि कूचबिहार के ब्लॉक नंबर 2 के अंतर्गत टेंगोनमारी हरम कोटि इलाके में अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर महज 15 दिनों में राम मंदिर का निर्माण किया गया है। इस मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर स्थानीय निवासियों का उत्साह देखते ही बन रहा…
Read More
झारखंड: देवघर में श्रावणी मेले का उद्घाटन

झारखंड: देवघर में श्रावणी मेले का उद्घाटन

राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने 3 जुलाई को देवघर के बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले का उद्घाटन किया, उद्घाटन ग्यारह पुजारियों द्वारा भक्ति मंत्रों के उच्चारण के साथ किया गया. मेला 7 सितंबर तक चलेगा। श्री बादल ने कहा कि वर्ष 2023 में श्रावणी मेला 8 सोमवार मनाया जाएगा, जिसका अर्थ है कि इस वर्ष सावन का महीना दो लंबे महीनों तक मनाया जाएगा। कांवरियों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गयी हैं. उनके लिए होल्डिंग प्वाइंट पर स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं।
Read More