कानपुर में एक मुस्लिम रिक्शा चालक की पिटाई और उनसे जबरन ‘जय श्रीराम’ का नारा लगवाने का मामला

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कानपुर में एक मुस्लिम रिक्शा चालक की पिटाई और उनसे जबरन ‘जय श्रीराम’ का नारा लगवाने के मामले में पुलिस ने गुरुवार देर शाम तीन लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है.

दो दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस घटना के वीडियो में कुछ लोग रिक्शा चालक की पिटाई करते हुए नज़र आ रहे हैं.

इस दौरान भीड़ में कुछ लोग रिक्शा चालक असरार अहमद से ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को भी कह रहे हैं. गुरुवार को इस मामले में मुक़दमा दर्ज कर पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया.

कानपुर के पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने मीडिया को बताया, “थाना बर्रा, कानपुर नगर में असरार अहमद के साथ हुई मारपीट और अपमान की घटना के तीन मुख्य अभियुक्त गिरफ़्तार किए जा चुके हैं. गिरफ़्तार अभियुक्तों के नाम अजय उर्फ़ राजेश बैंड वाला, अमन गुप्ता और राहुल कुमार हैं. अन्य अभियुक्तों की गिरफ़्तारी के लिए दबिश दी जा रही हैं.” वायरल वीडियो में रिक्शा चालक की सात साल की छोटी बच्ची अपने पिता को छोड़ देने की मिन्नतें करती हुई नज़र आ रही है. वीडियो में यह भी दिख रहा है कि बाद में कुछ पुलिसकर्मी उस रिक्शा चालक को अपनी जीप से ले जा रहे हैं. हालांकि, जब असरार अहमद को भीड़ में पीटा जा रहा है तो उस दौरान पुलिस के लोग भी वहाँ मौजूद हैं.

इस घटना के पीछे 9 जुलाई को हुई एक अन्य घटना को बताया जा रहा है, जब बर्रा-8 निवासी एक परिवार की नाबालिग बेटी से कुछ युवकों ने कथित तौर पर छेड़छाड़ की थी.

आरोप हैं कि परिवार के विरोध करने पर अभियुक्त धर्मांतरण का दबाव बनाने लगे. पीड़ित परिवार ने पुलिस से यह शिकायत की, लेकिन उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई.

31 जुलाई को बीजेपी के स्थानीय विधायक महेश त्रिवेदी के हस्तक्षेप पर पुलिस ने बच्ची की माँ की तहरीर पर तीन सगे भाइयों सद्दाम, सलमान और मुकुल के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर लिया.

लड़की की माँ ने बीबीसी को बताया, “हमारी 14 साल की बेटी को ये लोग रोज़ छेड़ते थे. शिकायत करने पर मारने-पीटने की धमकी देते थे. धर्म परिवर्तन का भी दबाव बनाते थे. हमने अपनी शिकायत में धर्मांतरण की बात भी कही थी, लेकिन पुलिस ने एफ़आईआर में सिर्फ़ छेड़खानी की धारा लगाई है.”

वहीं, इस बात की जानकारी होने पर बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ता बुधवार को अभियुक्तों के घर पहुंचे, लेकिन उनके न मिलने पर उनके एक रिश्तेदार असरार अहमद को घर से घसीट लाए और सार्वजनिक तौर पर पीटने लगे. आरोप हैं कि इस दौरान पुलिस वहाँ मौजूद रही और मूकदर्शक बनी रही.

आरोप हैं कि असरार अहमद को पीटने वालों में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी विधायक महेश त्रिवेदी के बेटे भी शामिल थे, लेकिन पुलिस ने पहले अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की. पर वीडियो वायरल होने और हंगामा बढ़ने के बाद तीन नामज़द अभियुक्तों के नाम भी एफ़आईआर में दर्ज किए गए और गुरुवार देर शाम तीनों अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया गया.

इस मामले पर बीजेपी विधायक महेश त्रिवेदी के बेटे शुभम त्रिवेदी ने कहा, “कल दोपहर तीन बजे मैं अपने क्षेत्र के दौरे पर था. मुझे फोन पर पता चला कि रामगोपाल चौराहे बर्रा स्थित एक बवाल की स्थिति उत्पन्न है. मैंने तत्काल वहां के स्थानीय थाने में सूचना दी और उन्हें पहुंचने के लिए कहा. मैं भी मौके पर पहुंचा.”

“वहां पहुंचते ही मुझे जानकारी मिली कि एक 14 साल की हिंदू लड़की का कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग धर्मांनतरण कराने का प्रयास कर रहे हैं. मैंने वहां मौजूद एसएचओ से कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो. अगर कोई दोषी है तो उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई हो.”

इस बीच, सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए पूरे इलाक़े में पुलिस बल को बढ़ा दिया गया है और पीएसी को भी तैनात किया गया है.

कानपुर की डीसीपी (दक्षिण) रवीना त्यागी ने मीडिया को बताया, “12 जुलाई को छेड़खानी और धर्मांतरण के अभियुक्त की पत्नी कुरैशा बेगम ने धर्मांतरण का आरोप लगाने वाली महिला और उसके पति के ख़िलाफ़ बर्रा पुलिस ने मारपीट की एफ़आईआर दर्ज कराई थी. इसके बाद दूसरे पक्ष से 31 जुलाई को तीनों भाई सद्दाम, सलमान और मुकुल के ख़िलाफ़ छेड़खानी समेत अन्य धाराओं में क्रॉस एफ़आईआर दर्ज कराई. बर्रा थाने की पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है.”

वहीं, बजरंग दल के ज़िला संयोजक दिलीप सिंह बजरंगी ने पुलिस पर इकतरफ़ा कार्रवाई का आरोप लगाया है और कहा है कि ‘पुलिस इंसाफ़ नहीं करेगी तो वह अपनी बहन-बेटियों पर अत्याचार होते हुए नहीं देख सकते हैं.’

इस बीच, रिक्शा चालक असरार अहमद से मारपीट के आरोप में तीन अभियुक्तों की गिरफ़्तारी के विरोध में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार देर रात पुलिस आयुक्त असीम अरुण के आवास पर प्रदर्शन किया.