कोरोना महामारी और लॉकडाउन के के बीच राज्य सरकार ने आमों को ऑनलाइन बेचने की पहल की है। वह भी कैश ऑन डिलीवरी सिस्टम से। सूत्रों के अनुसार पहले चरण में मालदा में यह सेवा ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी। बाद में सरकार बाहरी जिलों और अन्य राज्यों में आमों को ऑनलाइन भेजने की पहल करेगी। इस बीच प्रशासन ने मालदा के प्रसिद्ध गोपालभोग, लक्ष्मणभोग, हिमसागर, आम्रपाली, लंगड़ा सहित आम की कई किस्मों की ऑनलाइन के जरिये लोगों तक पहुंचाने की पहल की है। केंद्र और राज्य सरकार ‘सुफल बांग्ला ‘ योजना के तहत इसकी शुरुआत की है। आत्म सहायता समूह की महिलाओं को आम की पैकेजिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार प्राथमिक तौर पर फिलहाल मालदा में ऑनलाइन आम की बिक्री शुरू हुई है. बाद में ऐसे दूसरे जिले और अन्य राज्यों में लागू की जाएगी। आत्म सहायता समूह की एक सदस्य एलिजा फेत्रा ने कहा कि आदिवासी बहुल हबीबपुर इलाके में रोजगार की कमी है। परिवार चलाने में काफी दिक्क्तें आ रही है। उन्होंने कहा उन्हें आम की खेती की ट्रेनिंग दी गयी है। वे इस काम से खुश है । पेडों में काफी आम फले हैं। आम की बिक्री से मुनाफ़ा आ रहा है। मालदा के सेंट्रल रिसर्च सेंटर में कार्यरत वैज्ञानिक अंतरा दास ने कहा कि पूरी प्रक्रिया में स्थानीय महिलाओं को शामिल किया गया है। ऑनलाइन आम की कीमत स्थानीय बाजार में आम की कीमत के समान ही रहेगी। आम की कीमत नहीं बदलेगी।
मूल रूप से आम की कीमत महिलाओं की मजदूरी की कीमत की गणना करके निर्धारित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आम को पकाने में कार्बाइड या सिरेमिक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा आम की बिक्री के लिए ऑनलाइन ऐप तैयार किया गया है। अगर कोई उस ऐप में किसी खास प्रजाति के आम के नाम व उसकी मात्रा अपलोड करते ही बुकिंग स्वीकार कर ली जाएगी। फिर निर्दिष्ट पते पर आम पहुंच जाएगा।