भारत में तीसरे सबसे बड़े बिस्कुट ब्रांड, ब्रिटानिया मारी गोल्ड ने महिला दिवस के अवसर पर एक विचारशील फिल्म जारी की है। इस फिल्म का शीर्षक, ‘लेट्स कीप इट गोईंग’ है। यह केवल एक दिन महिला दिवस मनाने से जुड़े सांकेतिक प्रयास के बारे में फिल्म एक सशक्त संदेशन देती है। ये वार्ताएं जारी रहनी चाहिए और हमें हर रोज लैंगिक समानता का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए। यह फिल्म मुंबई स्थित एडवरटाईज़िंग एजेंसी, द स्क्रिप्ट रूम ने बनाई है। यह फिल्म एक कॉर्पोरेट में दो महिला कर्मचारियों, एक मैनेजर और एक ऑफिस सहायक के बीच सुबह-सुबह होती बातचीत दिखाती है।
यह महिला दिवस के बाद का दिन है, और पूरे ऑफिस में पिछले दिन के जश्न की पेपर प्लेट एवं नैपकिन बिखरे हुए हैं। ‘हैप्पी वीमेंस डे’ के बैनर की ओर इशारा करते हुए ऑफिस सहायक मैनेजर से पूछती है कि क्या कल ऑफिस में किसी का जन्मदिन मनाया गया। तब उसे पता चलता है कि इस दिन महिलाओं का उनके योगदान और उपलब्धियों के लिए सम्मान किया गया। ऑफिस सहायक यह सुनकर बहुत खुश हुई और उसने भोलेपन से प्रबंधक से दूसरा सवाल पूछा, ‘‘दीदी ये खाली एक दिन के लिए है?’’ यह सुनकर मैनेजर कुछ समय के लिए मौन हो गई। वह इस सरल से दिखने वाले गंभीर सवाल के बारे में मंथन करती है और मुस्कुराते हुए कहती है, ‘शायद नहीं’।
द स्क्रिप्ट रूम के संस्थापक, श्री राजेश रामास्वामी ने कहा, ‘‘महिला दिवस अन्य विशेष दिनों से अलग है। यह काफी अलग है, और इसकी अनेक परतें हैं। एक तरफ इस दिन महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाया जाता है, तो दूसरी तरफ यह दिन उनकी समस्याओं पर केंद्रित है। इसमें स्पेक्ट्रम के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न भावनाओं का समावेश है। यदि इस दिन की भावना को पूरे साल तक बनाकर न रखा जाए, तो इस दिन का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इसी सरल से अवलोकन से हमारे मन में एक दिन बाद का यह विचार आया। फिल्म में दो कर्मचारियों के बीच का समीकरण एक वर्ग को प्रदर्शित करता है।