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हृदय रोगों के इलाज में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए रवीन्द्रनाथ टैगोर हार्ट इंस्टिट्यूट, कोलकाता, पूर्वी भारत का पहला ऐसा केंद्र बन गया है, जहां 8 अक्टूबर को एक ही दिन में दो डुअल-चेम्बर लीडलेस पेसमेकर का सफल प्रत्यारोपण किया गया। यह हृदय पेसमेकर उपकरणों की सबसे उन्नत और नवीनतम तकनीक मानी जाती है। यह ऐतिहासिक प्रक्रिया कार्डियक केथलैब में डॉ. देबदत्ता भट्टाचार्य के नेतृत्व में कार्डियोलॉजिस्ट और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम द्वारा पूरी की गई। इस सफलता के साथ रवींद्रनाथ टैगोर हार्ट इंस्टीट्यूट ने अत्याधुनिक कार्डिएक रिद्म मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपनी अग्रणी स्थिति को और मजबूत…
