केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक को 2018 में कूचबिहार के दिनहाटा में गोलीबारी में से राहत मिली गयी है , क्योंकि उनकी जमानत अर्जी मंजूर हो गई। हालांकि उन्हें निचली अदालत में सरेंडर करना होगा।आपको बता दें कि 2018 में कूचबिहार के दिनहाटा में गोलीबारी की एक घटना में निचली अदालत ने केंद्रीय राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। मामले की सुनवाई सर्किट बेंच में हो रही है। हाल ही में निशित प्रमाणिक सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई कलकत्ता हाई कोर्ट की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच में करने का आदेश दिया था।
आज जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच की डिवीजन बेंच ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली। मगर निसिथ प्रमाणिक को सरेंडर करना होगा ,15 दिनों के भीतर निचली अदालत में सरेंडर करना होगा। वहीं, इस मामले में पुलिस को कोर्ट ने हर तरह के सहयोग का आदेश दिया है।इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक को राहत प्रदान करते हुए पुलिस से कहा कि वह 2018 के हत्या के प्रयास मामले में उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करे। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को 22 जनवरी को कलकत्ता उच्च न्यायालय की जलपाईगुड़ी सर्किट पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था।
पीठ ने कहा कि था जब तक उच्च न्यायालय इस मामले पर सुनवाई नहीं कर लेता तब तक प्रमाणिक के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी प्रमाणिक के खिलाफ 2018 में पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के दिनहाटा थाने में हत्या के प्रयास का एक मामला दर्ज किया गया था, जब लोगों के एक समूह ने तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर गोलीबारी की थी। गोलीबारी में एक व्यक्ति घायल हो गया था.प्रमाणिक पहले तृणमूल कांग्रेस में थे और वह फरवरी 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। उन्होंने हिंसा भड़काने के आरोप से इनकार किया है। उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर कूचबिहार से लड़ा था और चुनाव में जीत हासिल की थी।